अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ ऐसे उदाहरण क्या हैं जहां क्रिकेट विशेषज्ञ गलत साबित हुए थे? जानिए
- वर्डकप 1983 क्रिकेट का तीसरा वर्डकप था और भारत को कभी भी जीत का दावेदार नहीं माना गया था . मेरे ख्याल से किसी भी क्रिकेट पंडित ने फर्स्ट 4 तक भी पहुचने की भविष्यवाणी नहीं की थी . जिम्बाबे के साथ एक मैच में 17 रन पर 5 विकेट गिरने के बाद . जब कपिलबेट लेकर आये ओ किसी को उम्मीद नहीं थी की ये क्या करने बाले है .और उस दिन पूरा मैच कपिल के नाम रहा कपिल ने 175 नोट आउट थे और भारत 60 ओवर में 266/8 स्कोर पर था . कपिल के बाद सबसे ज्यादा रन सैयद किरमानी के थे 24 रन .अंतत; भारत 31 रन से जीता.
इसी प्रकार भारत का फायनल में मुकावला शक्तिशाली दो बार की विजेता बेस्टइंडीज के साथ था और भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 55वे ओवर में मात्र 183पर आउट हो गई तब भी सारे क्रिकेट विशेषज्ञ एक मत से भारत की हार की बात कर रहे थे . पर भारतीय टीम ने इतिहास बनाते हुए बेस्टइंडीज को 140 (52 ओवर) ही बनाने दिए और मैच तथा विश्वकप जीत लिया .
- और दूसरा उदाहरण भारत का वर्त्तमान दौरा का सीरीज जितना है जब सारी टीम मात्र 36 रन पर आउट होने के बाद भी चार मैचों की सीरिज 2–1 से सीरीज जितने में सफल रही जिसकी दौरे के पहले या चौथा मैच जितने के कुछ देर पहले तक भी किसी विशेषज्ञ ने जीत की आशा नहीं की थी .