इस्त्री प्रेस को इस्त्री क्यों कहते हैं? जानिए वजह
भारत में कपड़े की प्रेस को पुर्तगाली साथ लाए। इस्त्री पुर्तगाली भाषा में esticar (एस्तिकार) एवं स्पेनिश भाषा में estirar (एस्तिरार) कहलाती है। एस्तिकार को हम भारतीयों ने इस्तिरी बना दिया और जब हमारी संवाद अदायगी सहगल साहब के युग से मोतीलाल जी के प्रभाव में आ गई तो इस्तिरी इस्त्री में बदल गई।
वहीं इस्कूल जाने वाली पीढ़ियों ने स्त्री को भी इस्त्री बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अब इस्त्री बोल पाने में भी हमारी जीभ लड़खड़ाती है तो हम इसका संस्कृतनिष्ठ नाम “वस्त्र निपीडक” कैसे बोलें अतः इन दोनों को सप्रेम सप्रेस कर सिर्फ प्रेस ही कर दिया है। और इस्त्री और स्त्री में अंतर न करते हुए दोनों को ही प्रेस और सप्रेस करने का बीड़ा हमारे कर्णधारों ने उठा लिया है।
वैसे प्रेस का एक अन्य अर्थ छापाखाना भी है। वह भी पुर्तगाली अपने साथ भारत लाए और यह नाम (छाप) भी वहीं से ही हमने छाप लिया है। क्योंकि मुद्रणालय बोलने का कष्ट हम हमारी जिह्वा को देना ही नहीं चाहते। भय है कि मुद्रण का मुर्दन में मर्दन करते करते कहीं हम अपने देश की शब्दावली को मुर्दा न कर बैठें!