आयुर्वेद के अनुसार रात को सोते समय पानी क्यों नहीं पीना चाहिए? जानिए सच
हम सब जानते हैं कि पानी हमारे जीवन का मूल्य आधार है और हम उसके बिना एक पल भी जीवित नहीं रह सकते। हमें हमेंशा से ही सलाह दी गई है कि हम अपने दिन की शुरुआत रोज गुनगुने पानी से करें।
हम जानते हैं कि हर चीज का एक समय होता है और जब हम उस चीज का सेवन सही समय पर करते हैं तो उससे हमें बहुत ही फायदा मिलता है, वैसे ही जब हम पानी का सेवन सही समय पर करते हैं तो वो पानी अमृत के समान हो जाता है।
आयुर्वेद में हमें पानी की सही मात्रा के साथ-साथ पानी पीने के सही ढंगों के बारे में भी देखने को मिलता है। पानी पीने के कई फायदे हैं और औसत वयस्क को रोजाना 2 से 3 लीटर पानी जरुर पीना चाहिए। अगरआपका पेट पूरी तरह से खाली है तब आपको पानी पूरी तरह से लाभ पहुंचाएगा।
बिस्तर पर जाने से ठीक पहले पानी पीना आपकी नींद के चक्र को बिगाड़ सकता है. पानी पीने से आपको रात में कई बार बाथरूमम के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. रात में एक इंसान के लिए 7 घंटे की नीद लेनी काफी जरूरी होती है लेकिन पानी पीने आपको रात में कई बार टॉयललेट करने जाना पड़ता है जिससे आपकी नींद में खलल पड़ता है.
यदि कोई बिस्तर पर जाने से पहले बहुत ज्यादा पानी पीता है, तो यह शरीर द्वारा उपयोग नहीं किया जाता है। चूंकि शरीर निष्क्रिय रहता है, इसलिये ना तो कैलोरी की खपत होती है और ना ही शरीर में पसीना आता है। ऐसे में शरीर का पानी इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बिगाडता है, जिससे गुर्दे की प्रणाली में जटिलताएं पैदा होनी शुरु हो जाती है।