लड़कियां बार बार अपने सिर के बालों को हाथ क्यों लगाती रहती हैं? जानिए वजह
स्त्रियों के लम्बे केश सौभाग्य का सूचक माने जाते है, वहीं स्त्रियों के खुले हुए बाल विनाश को दर्शाते हैं, इस उत्तर के द्वारा प्रयास किया है कि कुछ मिथकों का खंडन होना आवश्यक है, स्वयं एक स्त्री होते हुए भी आप के समक्ष के सत्यता लाने के लिए बहुत साहस की आवश्यकता हुई है।
- प्राचीन काल से ही पौराणिक कथाओं में हमने केश से सम्बंधित प्रसंग सुने है।
रामायण
- श्रीराम के साथ विवाह के समय, उनकी माता ने सीता जी के बाल बांधते हुए समझाया था, विवाह उपरांत अपने केश सदा बांध कर रखना।
- माता कैकेई ने भरत जी को राज्य एवं भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास देने के लिए कोप भवन में, अपने केशों को खोलकर, बिखराकर विलाप किया,
- राजा दशरथ को विवश कर अपने दो वचन लिए।
महाभारत
- दुःशासन ने रजस्वला माता द्रौपदी के खुले हुए केश पर हाथ डाला, उनको घसीटते हुए सभा भवन में लेकर गया, और इन्हीं खुले बालों के अपमान को सम्मान देने के लिए द्रौपदी ने दु:शासन के रक्त से अपने केश धोने का प्रण लिया।
- जिसके कारण लाखों करोड़ों सैनिकों, महारथियों को महाभारत के युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी,
- महाभारत का युद्ध द्रौपदी के केशों की मुख्य भूमिका का वर्णन करता है।
सिख धर्म
- गुरुनानक देव व अन्य सिक्ख गुरुओं ने केश रक्षा के असाधारण महत्त्व को समझकर धर्म का महत्वपूर्ण अंग ही बना लिया।
- परन्तु वे कभी भी केश को खोलकर नहीं रखे, सदैव उसे बांधकर सुसज्जित तरीके से केश-विन्यास किया।
केशो को स्पर्श करने के कारण
- पुरुष समझते है कि स्त्री उन्हें देख कर यदि अपने केश को सुसज्जित करे या अपनी लटों में उंगलियां घुमाने लगे तो ये संकेत है कि आप उसे आकर्षक लग रहे हैं।