आर्य और द्रविड़ियन कौन थे और कहाँ से आये थे? जानिए
“आर्य”का अर्थ होता है “श्रेष्ठ”जो लोग वैदिक नीति नियम के अनुसार अपना जीवन यापन करते हैं वह आर्य है।
भारतीय उपमहाद्वीप में समस्त प्रकार की मानवीय सभ्यताओं की नींव पड़ी तथा जलवायु के अनुसार ही व्यक्तियों के रूप रंग आदि में परिवर्तन हुआ और उनकी कार्य तथा भोजन प्रणालियाँ भी जलवायु पर ही आधारित रही हैं | इन्हें ही वामपंथी तथा साम्राज्यवादी इतिहासकारों द्वारा कई भागों में बाँट दिया गया तथा एक दुसरे से पृथक पृथक अस्तित्व बताया जाता है |
इसका एक अन्य कारण भी है क्योकि जब इन सभ्यताओं की खोज हुई तब भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र नहीं था और ये सभ्यताएं अत्यंत उन्नत थी इसलिए साम्राज्यवादियों को लगा की यदि भारतीयों में जातीय गौरव का उद्भव हुआ तो फिर उनके पैर भारत से कोइ भी नहीं उखाड़ सकता।
इसलिए उन्होंने भारत इतिहास के बारे में कभी सच नहीं बताया । और अपने झूठे इतिहास से हमको यह एहसास दिलाया की भारत का विकास जब भी हुआ है वह विदेशी शक्तियों ने किया है नकि भारतीय शक्तियाँ कभी सफल रही हैं ऐसा करने में |किन्तु वास्तविकता तो यही है कि सारी सभ्यताएं भारत में ही जन्मी और स्वतंत्र रूप से पली बढीं |