क्या आपने हनुमान चालीसा का दिव्य तथा अलौकिक प्रभाव देखा है? जानिए सच
2013 का साल था, मुझे किराए पर घर चाहिए था, मुझे एक घर मिला जो कि एकांत में था और किराया भी किफायती भी था। लेकिन उस घर का जो कमरा मुझे मिला था वह अंधेरे में था । बगल में रहने वाले एक लड़के ने बताया कि इस, कमरे में कुछ अजीब हरकतें होती हैं इसलिेए सावधान रहना।
कालेज में सीनियर अधिकतर रैगिंग करने के लिए डराते रहते हैं मुझे लगा वह मजाक कर रहा है। एक दिन मैं उस घर में अकेला था और मोबाइल में गाना चला कर सो गया। रात के लगभग 2 बजे मुझे महसूस होने लगा कि इस कमरे में तीन लोग हैं। मेरी नींद खुल गई लेकिन आंखें बंद थीं, बंद आंखों से मुझे दिखाई दे रहा था कि 3 भयानक चेहरे वाली चुड़ैल कमरे में हैं, जिनमें से एक मेरे पीछे लेटी है बाकी दो खड़े होकर घूर रही हैं, उनकी आंखों में भयानक सूनापन था , चेहरा भावशून्य था और चेहरे के मांस गले हुए थे, उन्हें देखकर लगता था वे जन्मों से भूखी हैं।
जो मुझसे सट कर लेटी थी उसकी वजह से मुझे बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत होने लगी अगर मैं आंखें खोलता तो वह साक्षात् दिख सकती थी और अनहोनी हो सकती थी ।
अब दिमाग ने तुरंत फैसला किया और मैंने “श्री गुरु चरण सरोज रज, से हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू किया, आधे चालीसा पाठ तक डर खत्म होने लगा और पूरा चालीसा पढ़ने से पहले ही वे बुरी आत्माएं गायब हो गई।
नोट 1- सभी के अंदर तीसरी आंख होती है जोकि पारलौकिक ताकतें देख सकता है। यह एकदम सत्य है।
नोट 2 – हनुमान चालीसा एक दम दिव्य और अलौकिक है, प्रतिदिन पाठ करने से यह सिद्ध हो जाता है।