पढ़िये मजेदार चुटकुले: आधी रात को फोन बजने पर पति पत्नी से कहता है…
एक अरसे से चुटकला मनोरंजन का सबसे सस्ता और लोकप्रिय साधन बना हुआ हैं । ऐसे कई चुटकले हैं जो कोई कितना भी उदास हो लेकिन एक बार सुन ले तो हंसी से लोटपोट हो जाता हैं । आज भी हम आपके लिए कुछ ऐसे ही चुटकले लेकर आये हैं जिनको पढ़ते ही आप हंसते हसंते लोटपोट हो जायेगे । जो चुटकले हम आपक लिए लाये हैं इनमे सबसे बड़ी विशेषता ये हैं की ये आपने पहले कही नही पढ़े होगे। आप बचपन से ना जाने कीतने चुटकले सुनते हुए आये होगे लेकिन इन चुटकलों को पढकर एक मिनट के लिए आप अपनी सारी टेंशन और उदासी भूल जायेगे।
जोक्स- 1
आधी रात को फोन बजने पर पति पत्नी से कहता है.. पति- कोई मेरे बारे में पूछे तो कह देना मैं घर पर नहीं हूं पत्नी- “मेरे पति घर पर ही हैं” कहकर फोन काट दिया पति- मैंने कहा था न कोई मेरे बारे में पूछे तो कहना मैं घर पर नहीं हूं पत्नी- शांत रहो, हर बार जरूरी नहीं कि तुम्हारा ही फोन हो.credit: third party image reference
जोक्स- 2
हॉस्पिटल के बाहर एक बोर्ड लगा था…
“इलाज का 1000 रुपये…बनिये का इलाज मात्र 100 रुपये” पंडित- हमारा इलाज इतना महंगा, बनिए का सस्ता क्यों? डॉक्टर- क्योंकि बनिए के इलाज में खर्चा नहीं आता . पंडित- कैसे? डॉक्टर- कोई बनिया बेहोश हो, उसे 10 रूपया सुंघा देता हूं तो होश आ जाता है ।
जोक्स- 3
एक पागल खाली पेपर को बार-बार चूम रहा था दूसरा पागल- ये क्या है?
पहला- लव लेटर है दूसरा- मगर ये तो खाली है पहला- आज कल बोलचाल बंद है।
जोक्स- 4
पार्क के किनारे एक खूबसूरत लड़की को अकेला पाकर पप्पू हाथ में फूल लिए उसका पीछा कर रहा था. लड़की- तुम्हे पता है! पीछे मेरी मां आ रही है? पप्पू- अरे, हम तो खानदानी आशिक है.
तुम्हारी मां के पीछे मेरे पिताश्री आ रहे हैं.
जोक्स- 5
संगत का असर – एक अध्यापक अपने शिष्यों के साथ घूमने जा रहे थे। रास्ते में वे अपने शिष्यों के अच्छी संगत की महिमा समझा रहे थे। लेकिन शिष्य इसे समझ नहीं पा रहे थे।
तभी अध्यापक ने फूलों से भरा एक गुलाब का पौधा देखा। उन्होंने एक शिष्य को उस पौधे के नीचे से तत्काल एक मिट्टी का ढेला उठाकर ले आने को कहा। जब शिष्य ढेला उठा लाया तो अध्यापक बोले – ” इसे अब सूंघो।” शिष्य ने ढेला सूंघा और बोला – “गुरु जी इसमें से तो गुलाब की बड़ी अच्छी खुशबू आ रही है।” तब अध्यापक बोले – ” बच्चो ! जानते हो इस मिट्टी में यह मनमोहक महक कैसे आई ? दरअसल इस मिट्टी पर गुलाब के फूल, टूट टूटकर गिरते रहते हैं, तो मिट्टी में भी गुलाब की महक आने लगी है जो की ये असर संगत का है। और जिस प्रकार गुलाब की पंखुड़ियों की संगति के कारण इस मिट्टी में से गुलाब की महक आने लगी उसी प्रकार जो व्यक्ति जैसी संगत में रहता है उसमें वैसे ही गुणदोष आ जाते हैं। दोस्तों यह एक सिख है कि जैसी संगंत में रहेंगे ऐसा ही प्रभाव पड़ता है।