भीम बेटका की गुफाओं में क्या खास है? जानिए
भीमबेटका गुफ़ाएँ (भीमबेटका रॉक शेल्टर या भीमबैठका) भारत के मध्य-प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में एक पुरापाषाणिक पुरातात्विक स्थल है। जो मध्य-प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल के दक्षिण-पूर्व में लगभग 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
भीमबेटका यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है और इस स्थल को सन 2003 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया जा चुका है। इस प्रकार की सात पहाड़ियाँ में से एक भीमबेटका की पहाड़ी पर 750 से अधिक रॉक शेल्टर (चट्टानों की गुफ़ाएँ) पाए गए है जोकि लगभग 10 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए है।
भीमबेटका भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन की उत्पति की शुरुआत के निशानों का वर्णन करती है। इस स्थान पर मौजूद सबसे पुराने चित्रों को आज से लगभग 30,000 साल पुराना माना जाता है। माना जाता है कि इन चित्रों में उपयोग किया गया रंग वनस्पतियों का था। जोकि समय के साथ-साथ धुंधला होता चला गया। इन चित्रों को आंतरिक दीवारो पर गहरा बनाया गया था।
भीमबेटका की गुफ़ाएँ आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। यहां बनाये गए चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के सबसे प्राचीनतम चिह्न हैं।
यहाँ पर अन्य पुरातात्विक अवशेष भी मिले हैं जिनमें प्राचीन किले की दीवार, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, लघुस्तूप, पाषाण काल में निर्मित भवन, शंख के अभिलेख और परमार कालीन मंदिर के अवशेष सम्मिलित हैं।