क्या आज भी किन्नर बच्चे को पैदा होते ही माता -पिता किन्नर समूह को दान कर देते हैं?
किन्नर होने की जानकारी जन्म के तुरंत बाद ही पता नहीं चलती। जिसे हम किन्नर कहते है वे पहले पुरुष के शरीर में जन्म लेते है। वे लगभग १२ से १३ वर्ष तक साधारण पुरुष बालक की तरह ही होते है।
उसके बाद उन्हें यह पता चलता है की वे लड़का नहीं बल्कि लड़के के शरीर के साथ लड़की है। कुछ लोग समाज के डर से अपने इस राज को छुपाये हुवे ही पूरी जिंदगी बिता देते है। और कुछ अपने परिवार को इसकी माहिती देते है तब ज्यादातर परिवार उन्हें घरसे निकाल देते है और फिर उन्हें खुदसे ही किसी किन्नर समूह में जाना पड़ता है।
हम जिन्हे किन्नर कहते है और उनका अपमान करते है वे भी इंसान ही होते है। हमें उनकी भावना को समझना चाहिए। उनका सम्मान करना चाहिए और उन्हें समाज में बराबर का अधिकार भी मिलना चाहिए।