बांग्लादेश में पाँच रुपये के सिक्कों की तस्करी क्यों की जाती थीं?
रेज़र ब्लेड बनाने के लिए—
अक्सर आप ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में नकली करंसी आने की खबरें तो सुनी होंगी, लेकिन बांग्लादेश में भारतीय रुपये का इस्तेमाल मुद्रा के इतर भी हुआ है.
दिसंबर 2009 में इस बात का खुलासा हुआ. इस दौरान न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से ये खबर चलाई थी. आरबीआई ने भी इस पर मुहर लगाई थी।
रेजर ब्लेड तैयार करने के बाद ये लोग 2 रुपये प्रति ब्लेड के हिसाब से बेचा करते थे. इस तरह इनका कारोबार फल-फूल रहा था. इसी दौरान आरबीआई ने कहा था कि यह काम काफी समय से चल रहा है।
रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से कहा गया कि पहले इन सिक्कों को बांग्लादेश में सिक्के बनाने के लिए ही स्मगल किया जाता था. लेकिन बाद में इन्होंने इससे रेजर ब्लेड बनाना शुरू कर दिया।
पीटीआई की इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मिंट किए जाने वाले 5 रुपये के सिक्के बांग्लादेश में पहुंचाए जाते थे. 5 रुपये के एक सिक्के से यहां 6 रेजर ब्लेड तैयार कर ली जाती थीं।
इस घटना के बाद आरबीआई ने कहा था कि वह 5 रुपये का सिक्का तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मेटल को बदल देंगे. ताकि इनकी तस्करी पर रोक लगाई जा सके।
बता दें कि बांग्लादेश और पाकिस्तान से नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी किए जाने की खबरें आए दिन सुनाई पड़ती हैं.