फ़ासी देने वाली चुड़ैल की पढ़े डरावनी कहानी
राजापुर गाँव में गीता और उसके पती राजू बड़े मजे से रहते थे।पर कुछ दिनों बाद एक चुड़ैल ने उनके गाँव पर हमला कर दिया।चुड़ैल रात में राजापुर गाँव के एक बंद पड़े जमीनदार के बंगले के आसपास भटकती रहती थी।अगर रात में कोई भी उस बंगले के रास्ते से जाता तो वह चुड़ैल उसे पकड़कर फ़ासी देती थी।पूरा गाँव डर-डर के रहने लगा और फ़ासी देने वाले चुड़ैल से परेशान होने लगा।एक दिन गाँव का रामा उस चुड़ैल को देखने के लिए उसी रास्ते से जाने लगा।
तब उसपर अचानक जोर की आगयी और वो सीधा बंगले में पहुच गया।बंगले में चुड़ैल थी उस चुड़ैल ने उसको पकड़कर फ़ासी देदी।दूसरे दिन रामा की लास रोड़पर पड़ी मिली।ऐसे ही एक दिन जीतू अपने स्कुल से घर पर जा रहा था।बस नहीं मिलने के कारण उसको बोहत समय होगया था।जब जीतू बंगले के पास पहुँचा तब उसे पीछे से चुड़ैल की चीखे सुनाई देने लगी।जीतू चुड़ैल की चीखे सुनकर घबरा गया और जोर-जोर से चलने लगा।तब उसके कंधे का बैग कोई पीछे से खीचने लगा।देखते-देखते जीतू अब वापस बंगले में खीचने लगा।
चुड़ैल ने उसे खीचकर बंगले में फ़ासी देदी।दूसरे दिन पुरे गाँव में मासूम बच्चों की मौत पर पूरा गाँव रोने लगा।ऐसे ही एक रात गीता और उसके पती राजू अपने कार से शहर की ओर जाने लगे थे।उनको पता नहीं था की उनकी गाड़ी उसी रास्ते ख़राब हो जायेंगी।पर कुछ समय बाद उसके पती को वह चुड़ैल उठाकर लेगयी।
चुड़ैल का पीछा करते करते गीता भी वहा पर पहुँच गयी।गीता ने लोगो को फ़ासी देने का क्या कारण है ये पूछा तब चुड़ैल नव कहा,कुछ सालो पहले उस बंगले के जमीनदार में उसके पती को निर्दोष होने के बाद भी फ़ासी दी थी और उसे भी फ़ासी देकर मार दिया था,उस जमीनदार को वह फ़ासी देने वाली थी पर वो शहर भाग गया।ये बात सुनकर गीता ने उस जमीनदार को फ़ासी और उसको इंसाफ देने की बात कही तब वह चुड़ैल उस बंगले से मुक्त होगयी।गीता ने अपने पती को बचा लिया और कुछ दिनों बाद उस जमीनदार को कानून की मदत से फ़ासी देदी।