जानिए क्यो शादी के बाद कभी नहीं गयी मायके देवी सीता
आपको बतादे की श्रीरामचरितमानस में देवी सीता का जिक्र सिर्फ 147 बार आया है।
वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, भगवान श्रीराम से देवी सीता का विवाह बाल्यकाल में ही हो गया था। 18 वर्ष की आयु में वे भगवान श्रीराम के साथ वनवास चली गईं थीं।
और 33 वर्ष की अवस्था में देवी सीता को अयोध्या की महारानी होने का गौरव प्राप्त हो गया था।
बतादें की इस बारे में ऐसा भी माना जाता है कि राक्षसों के राजा रावण के द्वारा अपहरण के बाद देवी सीता 435 दिनों तक लंका में रहीं।
वाल्मीकि रामायण में इस बात का उल्लेख है कि रावण जिस सीता को अपने साथ ले गया था दरअसल वो असली सीता नहीं बल्कि उनकी छाया थीं। वास्तविक सीता का स्वरूप तो अग्निदेव के पास थी।
रामायण महाग्रंथ में ऐसा कहीं उल्लेख नहीं मिलता है कि विवाह के बाद कभी सीता अपने मायके जनकपुर गई हों। वनवास गमन की सूचना पर उनके पिता राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता को मायके चलने का आग्रह किया था, परंतु देवी सीता ने अपने पति के साथ ही जाने का निर्णय सुनाया था।
अब अंत मे आपको यह भी बतादें की श्रीरामचरितमानस के मुताबिक भगवान श्रीराम ने सरयू नदी में अपना देह त्याग किया था वहीं देवी सीता सशरीर परलोक चली गईं थीं।