जानिए पपीता के पत्तों से कैसे भागता है डेंगू बुखार
पपीता स्वास्थ्यप्रद फलों में से एक है। पपीता कई बीमारियो को ठीक करने में मदद करता है। केवल गुदा ही नहीं, बल्कि इसके पत्तों में भी कई उपचार गुण होते है। इसकी पत्तियां खून में प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने के लिए भी अच्छी तरह से जानी जाती है और मलेरिया एवं डेंगू रोधी गुणों से भी समृद्ध होती है। जिससे ये डेंगू से लड़ने के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय बन जाता है।
पपीते की पत्तियों में फेलोनिक यौगिक, पपैन और एलकलाइड होते है, तथा ये पोषक तत्व एक मजबूत एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते है। साथ ही पापैन तत्व पाचनतंत्र को मजबूत करता है, जिससे पाचन संबंधी विकार दूर हो जाता है।
एक शोध में पाया गया है कि, पपीता के पत्तो से डेंगू से पीड़ित रोगियों में प्लेटलेट काउंट बढ़ता है। चार सौ रोगियों पर लिए गए एक अध्ययन के अनुसार, डेंगू से पीड़ित आधे मरीजों, जो कि ठीक हो गए थे, उन्हें दवा के रूप में पपीते का अर्क दिया गया था। शोध में ये पाया गया है कि, जो मरीज ठीक हो चुके थे उनमें पपीते के पत्तो के खुराक से ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ गए थे।
पपीते के पत्तो का सेवन करने के लिए, कुछ मध्यम साईज के पत्तो को धोकर सूखा लें। फिर उन्हें छोटे टुकड़ों में काटें। और इन्हे 2 लिटर पानी में डाल कर इसे अच्छी तरह से उबाल लें। पानी जब आधा कम हो जाए तो चूल्हे पर से उतार लें। इसे ठंडा करने के बाद, दिन में 3 बार आधा आधा ग्लास इसका सेवन करें। चुकी डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों में ब्लड प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है, इसलिए इस उपाय से डेंगू के मरीजों में ब्लड प्लेटलेट्स का निर्माण होने लगता है जिससे मरीज जल्दी ठीक होने लगता है। साथ ही इसमें मौजूद इम्यूनिटी बुस्टर शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ा देते है।