विराट कोहली के कोच ने आलोचकों को लताड़ा, कहा- लोग भूल जाते हैं कि वो इंसान हैं, मशीन नहीं
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के कप्तान विराट कोहली को टीम के लिए उदाहरण पेश करने के लिए जाना जाता है। हालांकि, आइपीएल 2020 के पहले दो मैचों में वे आरसीबी के लिए कुछ खास नहीं कर पाए हैं। पहले मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ टीम को जीत तो मिली, लेकिन विराट कोहली सिर्फ 14 रनों का योगदान दे पाए थे, जबकि किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ वो एक रन बना सके थे। इसके अलावा उनसे कुछ कैच भी छूटे थे।
ऐसे में जब उनकी आलोचना हुई तो उनके कोच राजकुमार शर्मा ने उनका समर्थन किया है विराट कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि भारतीय टीम कप्तान ने सेट किया है यही कारण है कि प्रशंसकों ने इतनी जल्दी धैर्य खो दिया है और हर बार जब वह बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं तो उनको स्कोर करते देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा है, “यह एक खिलाड़ी के जीवन का एक हिस्सा है। आपके पास अच्छे दिन भी होते हैं और पिच पर आपके बुरे दिन भी होते हैं।
यह सिर्फ इतना है कि कोहली ने ऐसा मानदंड स्थापित किया है कि लोग भूल जाते हैं कि वह केवल इंसान हैं और मशीन नहींकोच राजकुमार शर्मा ने कहा है, “लोग पूछेंगे कि क्या कुछ तकनीकी समस्या है या एक मानसिकता मुद्दा है, लेकिन मैं फिर कहूंगा कि यह खेल का एक हिस्सा है, क्योंकि हर बार जब आप मैच में उतरते हैं तो आप सफल नहीं हो सकते।
कोहली के प्रशंसक उन्हें लगातार प्रदर्शन करते देखने के अभ्यस्त हो गए हैं, यहां तक कि एक खराब पारी भी उन्हें दुखी करती है।” आखिरी मैच में देखा गया कि कोहली ने कैच छोड़े और KXIP के कप्तान केएल राहुल ने मैच जिताऊ शतक ठोक दिया। इसको लेकर उन्होंने कहा ऐसा होता हैकोच ने कोहली का समर्थन करते हुए आगे कहा, “सबसे पहले, जैसा मैंने पहले कहा, ये चीजें होती हैं। कोई भी एक या दो कैच छोड़ सकता है। यहां तक कि जोंटी रोड्स भी कैच लेने से चूक जाते थे।
जावेद मियांदाद को एक बेहतरीन क्षेत्ररक्षक माना जाता था और अगर आप पीछे मुड़कर देखते हैं, तो उन्होंने भी कैच छोड़े। इसलिए, आप इसे मैदान पर एक बुरा दिन कह सकते हैं। उन्होंने दृढ़ता से वापस आने और सामने से नेतृत्व करने के लिए पर्याप्त क्रिकेट खेला है