शिव का मार्ग या बुद्ध का मार्ग। कौन सा मार्ग सर्वष्ठ है
सबसे पहले गौतम बुद्ध के मार्ग के बारे में बात करे तो ये मार्ग बहुत ही लंबा है।अगर आपमें इतना धैर्य है कि आप 78 जन्मों के लिए साधना करने के लिए तैयार हैं तो यह रास्ता बहुत ही असरदार है वैज्ञानिक है तथा यह आसान विधि भी मानी जाती है।गौतम बुद्ध ने इस मार्ग के जरिए सभी को जागरूक करने का प्रयत्न किया है अपने आत्मतत्व को जानने के लिए।
शिव ने 114 चक्रों को जाग्रत करने के लिए 112 तरीके बताए हैं जोकि कुछ तो इतने पॉवर फुल है कि कुछ दिनों के अंदर ही आप अपने आप में इतना अत्यधिक परिवर्तन मसूस करेंगे कि आप अपने घर में अजनबी सा फील करने लगेंगे।
ये बात बिलकुल ही गलत है कि हम बुद्ध तथा शिव के मार्ग को अलग समझ रहे है लेकिन बुद्ध का मार्ग शिव के 112 मार्ग में से एक मार्ग है। बुद्ध का मार्ग शिव के मार्ग के 1% से भी कम है। बुद्ध के द्वारा इसका प्रचार किया गया उन्होंने अपने जीवन में कम से कम हजारों लोगों तक इसका सगुण प्चार किया गया। शिव ने अपने 112 मार्गो का सप्तर्षियों को ज्ञान दिया।
दुनिया में जितने भी मार्ग हैं जो कि ज्ञान प्राप्ति की ओर जाते हैं वे सभी शिव के 112 मार्ग में से है। आप सोच रहे होंगे कि सिर्फ 112 मार्ग में क्यों है उससे अधिक क्यों नहीं।ऐसा ही एक बार विचार मां पार्वती के मन में आया जब शिव सप्तर्षि को इन 112 मार्गों का ज्ञान दे रहे थे।माता पार्वती ने पूछा कि हे भोलेनाथ 112 मार्ग ही क्यों हैं। तब माता पार्वती को शांत करा दिया। इसी बात पर मां पार्वती बाहर जाकर कई वर्षों तक घोर तपस्या करने के बाद वापस आएंगे तो वह शिव से एक सीढ़ी नीचे बैठ गई। यह उस बात का प्रतीक था कि वह अपने कार्य में विफल हो गई है।अब आप यह भी सोच रहे होंगे कि हमारे शरीर में 114 चक्र हैं लेकिन 112 तरीके से 114 चक्रों को कैसे जागृत कर सकते।शिव जी ने बताया है कि 112 चक्रों के जागृत होते ही स्वयं ही वह दो चक्र अपने आप ही जागृत हो जाएंगे।
हम संसार में जितने भी आत्म तत्व को जानने के लिए जिस प्रकार का भी उपाय करते हैं वह सब 112 उपायों में से कोई ना कोई एक उपाय होता है जो किशोर के द्वारा ही बताया गया है वह अपने आप में इतने बने होते हैं कि हां मैं सोच भी नहीं सकते कि 112 उपायों में से ही हैं। अगर हम सीधी भाषा में कहे कि बुद्ध और शिव का मार्ग एक ही है।
बुद्ध के मार्ग पर चलते हुए आप बिना सोचे कि आप सब के मार्ग पर नहीं चल रहे हैं दूध और सिर्फ दोनों का मार्ग एक ही है लेकिन शिवनाथ से कई गुना अधिक यानी कि 112 मार्ग बताए हैं बुध का मार्ग उन्हें बारे मार्ग में से एक है।