जानिए क्यों जरूरी है महिलाओं के लिए ज्यादा नींद
महिलाओं में नींद की कमी की समस्या ज्यादा बड़ी और गंभीर है महिलाओं की शारीरिक भावनात्मक और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें पुरुषों से बिल्कुल अलग होती है महिलाएं चाहे वह कामकाजी हो या हाउसवाइफ मल्टीटास्क करती हैं. ऐसे में जाहिर है कि महिलाओं के शरीर को भी ज्यादा आराम की जरूरत होती है जो नींद से पूरा होता है. मेडिकल रिसर्च से यह साबित हो चुका है कि महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या ज्यादा होती है इसकी कई वजहों में से एक नींद पूरी ना होना है कामकाजी महिलाएं नौकरी करने के साथ साथ घर की भी कई जिम्मेदारियां निभाते हैं इसलिए कई बार हमें उनका कम नींद लेना सामान्य लगता है लेकिन हाउस वाइफ के बारे में यह धारणा बन जाती है कि उन्हें घर पर ही रह कर आराम करने का काफी समय मिलता होगा इसी लिए उन्हें नींद की कमी जैसी समस्या नहीं होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है गृहणी अभी सुबह जल्दी उठकर देर रात तक घर के कामकाज में इतनी व्यस्त रहती है कि कम नींद की परेशानी से जूझ रही होती हैं.
समय-समय पर शोध और सर्वे होते रहते हैं हाल ही में एक स्किन केयर ब्रांड में 2000 महिलाओं पर सर्वे किया शोध के बाद हर 10 में से 7 महिलाओं ने कहा कि जब वे 7 से 8 घंटे नींद लेती हैं तो देखने में ज्यादा आकर्षक लगती हैं और अन्य शोध अमेरिका की यूरोपियन रेसिपीरेटरी सोसाइटी जनरल में प्रकाशित हुआ इसमें सामने आया कि कम नींद की वजह से पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है.
क्यों नहीं होती नींद पूरी
जब हमने एक महिला से पूछा तो वह बताती हैं कि मेरे पति रात 10:30 से 11:00 बजे तक घर आते हैं खाना निपटाने के बाद 12:00 बजे से पहले कभी सो नहीं पाते हैं सुबह 6:00 बजे बच्चों को स्कूल निकलना होता है जिसके लिए 4:30 बजे उठना ही होता है दोपहर को बच्चे स्कूल से आते हैं और फिर ट्यूशन वगैरा जाते हैं ऐसे में 7 घंटे की नींद मेरे लिए एक सपना ही है कमोबेश यही हालत हर हाउस वाइफ की होती है दरअसल हमारा सामाजिक ढांचा इस प्रकार का है जहां महिलाओं से ज्यादा काम करने की उम्मीद की जाती है जिम्मेदारी घर की हो या बाहर की महिलाओं पर ज्यादा होती है साथ ही हमारी तेजी से बदलती जीवनशैली भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं है अगर वीकेंड पर नींद पूरी करने की बात सोच है तो वही दिल रिलैक्स करने और दोस्तों से मिलने जुलने व घर के सारे पेंडिंग काम करने के भी होते हैं ऐसे में जरूरी नहीं कि नींद पूरी ही हो.
कामकाजी महिलाओं के मुताबिक कर्मियों पर भी काम की उतनी ही ज्यादा जिम्मेदारी होती है ऐसे में यह सोचना कि घर पर रहकर नींद तो पूरी हो ही जाती होगी एक गलतफहमी है.