जाने कब हुआ था गणेश जी का जन्म
हर साल बडे जश्न के साथ मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी का त्यौहार फिर से दस्तक देने को है। गणेश चतुर्थी इस साल 22 अगस्त को है और गणेश चतुर्थी हिंदूओं का दस दिन तक चलने वाला त्यौहार होता है जिसमें वो अपने देवता गणेश के जन्म तौर पर मनाते हैं। गणेश शंकर और पार्वती के बेटे हैं। जिन्हें 108 नामों से जाना जाता है। सभी देवताओं में सबसे पहले गणेश की ही पूजा की जाती है।
गणेश जी का मध्याह्न में जन्म हुआ था। पौराणिक कथा अनुसार भगवान शिव के पुत्र गणेश कहे जाते हैं। लेकिन गणेशजी के जन्म में शिवजी का कोई योगदान नहीं था।
गणेश जी के जन्म की कहानी कुछ इस प्रकार से है, कि एक बार शिवजी के गण नंदी द्वारा आज्ञा का पालन नहीं करने पर माता पार्वती नाराज हो गईं। तब उन्होंने ठान लिया कि मैं ऐसा पुत्र प्राप्त करूंगी जो मेरी आज्ञा का पालन करे और मेरी रक्षा करे। तब उन्होंने अपने शरीर के मैल और उबटन से अपने पुत्र का निर्माण किया। एक बार वह स्नान करने गईं और बाहर अपने इस पुत्र को खड़ा कर गईं। कुछ देर बात वहां भगवान शिव आए और माता पार्वती के पास जाने लगे तो उस बालक ने उन्हें रोकने का प्रयास किया।
यह देखकर भगवान शंकर को क्रोध आ गया और उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे उसका सिर धड़ से अलग कर दिया और अंदर चले गए। माता पार्वती ने दो थालियों में भोजन परोसकर भगवान शिव को आमंत्रित किया। तब दूसरी थाली देख शिवजी ने पूछा कि यह किसके लिए है। पार्वती बोलीं, ‘यह मेरे पुत्र गणेश के लिए है जो बाहर द्वार पर पहरा दे रहा है। क्या आपने आते वक्त उसे नहीं देखा?’ यह बात सुनकर शिव बहुत हैरान हुए और पार्वती को सारा वृत्तांत सुनाया। यह सुन देवी पार्वती क्रोधित होकर विलाप करने लगीं। तब पार्वती को प्रसन्न करने के लिए भगवान शिव ने एक हाथी के बच्चे का सिर काट कर बालक के धड़ से जोड़ दिया और इस प्रकार वह बालक बन गया गणेश