जानिए चेस्ट फ्लाई व्यायाम करने के लाभ
हमारी दौड़ती भागती जीवनशैली ने अनजाने में ही हमें कुछ ऐसी बीमारियों की ओर धकेल दिया है, जिनका भविष्य में बहुत घातक परिणाम सामने आ सकता है। लंबे समय तक बैठकर कंप्यूटर पर काम करने से पीठ और कूल्हों के जोड़ों को काफी नुकसान पहुंचता है। लेकिन एक सच्चाई और भी है कि लंबे समय तक फोन पर बात करने और मीटिंग के लिए बैठे रहने से ऊपरी शरीर के जोड़ों को बहुत हानि पहुंचती है।
हमें शायद एहसास नहीं होता है, लेकिन पूरे दिन हमारा शरीर कई सारी प्रतिकूल परिस्थितियों को सहन करते रहता है। चाहे वह किसी भारी सामान को उठाना हो या फिर लंबे समय तक एक ही अवस्था में बैठे रहना, यह हमारी मांसपेशियों के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं। हालांकि, ऐसा नही है कि इन समस्याओं का समाधान नहीं है। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित व्यायाम को दैनिक जीवनशैली में शामिल करके खराब जीवनशैली से उपजी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
शरीर के ऊपरी हिस्से में कंधे, छाती, पीठ, हाथ और कोर जैसी कई प्रमुख मांसपेशियां होती हैं। एक ही समय में इन सभी का व्यायाम कर पाना पेशेवरों के लिए भी मुश्किल होता है। हालांकि, अच्छी तकनीक और कुछ अभ्यासों के साथ आप एक साथ ही कई मांसपेशियों के समूहों को सक्रिय कर सकते हैं। एक ही समय में कई मांसपेशियों के समूहों के लिए किए जाने वाले व्यायाम को यौगिक अभ्यास के रूप में जाना जाता है। यौगिक अभ्यास कई मायनों में फायदेमंद होते हैं। इससे एक ही समय में कई मांसपेशियों को लक्षित करके व्यायाम किया जाता है, जिससे समय की बचत होती है साथ ही इन व्यायामों के दौरान कैलोरी बर्न भी अधिक होता है।
बेंच फ्लाई जिसे चेस्ट फ्लाई के नाम से भी जाना जाता है, वह कई मायनों में बहुत ही लाभकारी व्यायामों में से एक है। इस व्यायाम के दौरान ऊपरी शरीर के अधिकांश हिस्से जैसे छाती, कंधों और बाजुओं का व्यायाम हो जाता है। यह व्यायाम आसान भी है, समय के साथ जब आप वजन बढ़ाने लगते हैं तब अपेक्षाकृत यह कठिन होता जाता है। चेस्ट फ्लाई व्यायाम के लिए बहुत अधिक उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है, इसे सिर्फ एक जोड़ी डम्बल और एक बेंच के साथ किया जा सकता है। बेंच सपाट, इंक्लाइन या डिक्लाइन भी हो सकती है। छाती की मांसपेशियों के लिए यह काफी फायदेमंद व्यायाम है। हालांकि, सपाट बेंच की तुलना में अगर आप इंक्लाइन या डिक्लाइन फ्लाई व्यायाम करते हैं तो यह थोड़ा कठिन होता है। यदि आप अभी व्यायाम के शुरुआती चरणों में हैं, तो मशीन फ्लाई या फ्लैट बेंच फ्लाई व्यायाम कर सकते हैं।
चेस्ट फ्लाई व्यायाम कितने प्रकार से किया जा सकता है? –
चेस्ट फ्लाई व्यायाम मुख्य रूप से चार प्रकार से किया जा सकता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने बेंच किस तरह से रखा हुआ है।
फ्लैट बेंच चेस्ट फ्लाई : यह चेस्ट फ्लाई का सबसे आसान व्यायाम है, इस व्यायाम के दौरान छाती, हाथ और कंधों की सभी मांसपेशियां सक्रिय रूप में आ जाती हैं। सही ढंग से अगर इस व्यायाम को किया जाता है तो इससे कोर को भी मजबूती मिलती है।
इंक्लाइन बेंच चेस्ट फ्लाई
डेक्लाइन बेंच चेस्ट फ्लाई
मशीन फ्लाई
चेस्ट फ्लाई व्यायाम करने के लाभ –
चेस्ट फ्लाई व्यायाम छाती की मांसपेशियों को मजबूती देने वाली सबसे बेहतरीन व्यायामों में से एक है। इस व्यायाम के दौरान पूरी छाती की मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं साथ ही हाथों और कंधों की मांसपेशियों को भी काफी मजबूती मिलती हैं। इसके अलावा चेस्ट फ्लाई व्यायाम शरीर के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियां जैसे डेल्टोइड्स (कंधों के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियां, जहां कंधे और हाथों के जोड़ मिलते हैं) और ट्राइसेप्स (बांहों का पिछला हिस्सा) का भी बेहतर व्यायाम है। इस व्यायाम को छाती का विकास करने में फायदेमंद माना जाता है। इससे न केवल छाती की मांसपेशियों का आकार बढ़ता फैलाता है, साथ ही यह शरीर के ऊपरी हिस्से को भी मजबूती देता है।
यह व्यायाम डम्बल और घर पर ही एक बेंच के साथ किया जा सकता है। हालांकि, छाती की मांसपेशियों के विभिन्न भागों को लक्षित करने के लिए इस व्यायाम को कई प्रकार से किया जा सकता है। छाती के ऊपरी हिस्से को लक्षित करने के लिए आपको इंक्लाइन बेंच फ्लाई, जबकि निचले हिस्से के लिए डेक्लाइन बेंच फ्लाई व्यायाम करने का सुझाव दिया जाता है। वहीं अगर आप सपाट बेंच के साथ चेस्ट फ्लाई व्यायाम करते हैं तो इसका असर छाती के सभी मांसपेशियों पर पड़ता है।