ब्लैकहेड्स को हटाने में मददगार है नीम के पत्ते
नीम में ओलिक एसिड मौजूद होता है, जो त्वचा की उम्र संबंधी संकेतों जैसे महीन रेखाओं का बनना, त्वचा का रंग बदलना और झुर्रियों को रोकने में मदद करता है। ओलिक एसिड त्वचा की सतह में प्रवेश करता है और नमी की कमी को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा यह त्वचा की सतह से नमी के वाष्पीकरण को भी रोकता है, जिससे नमी की कमी नहीं होने पाती है।
नीम के पत्तों में स्टीयरिक एसिड होता है, जो त्वचा से अतिरिक्त तेल और गंदगी को हटाने में मदद करता है। यह त्वचा के सभी छिद्रों को भी साफ करने में मदद कर सकता है। इस प्रकार सभी ब्लैकहेड्स साफ हो सकते हैं। ओलिक एसिड छिद्रों को बंद किए बिना त्वचा के प्राकृतिक तेल को पुनर्स्थापित करता है। यह त्वचा पर एक सुरक्षात्मक परत बनाने में सहायक है, जिसकी वजह से त्वचा के छिद्रों में गंदगी नहीं जा पाती है। यह त्वचा में नमी की कमी नहीं होने देता है, जिस कारण त्वचा कोमल और नरम बनी रहती है।
नीम का तेल मुंहासे से होने वाली लालिमा और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। नीम के पत्तों में ओलिक एसिड होता है, जो त्वचा के प्राकृतिक तेल को बनाए रखता है। नीम के कैप्सूल हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं, जो मुंहासों के कारणों में से एक है।
नीम की पत्तियों में पामिटिक एसिड पाया जाता है। बता दें, इस एसिड में त्वचा को स्वस्थ रखने की क्षमता है। इसके अलावा यह त्वचा पर एक विशेष परत बनाता है, जो नमी को बनाए रखता है। पामिटिक एसिड त्वचा से गंदगी, पसीना और अतिरिक्त सीबम (हल्का पीला, तैलीय पदार्थ) को भी हटाने में मदद करता है। नीम का अर्क त्वचा के ऊपर एक सुरक्षात्मक परत बनाता है, जिससे त्वचा को कोमल बनाए रखने में मदद मिलती है।
नीम की मदद से एथलीट फुट और रिंगवॉर्म इंफेक्शन जैसे त्वचा के फंगल इंफेक्शन का इलाज किया जा सकता है। एथलीट फुट, पैर का एक फंगल संक्रमण है, जिसे चिकित्सकीय रूप से ‘टिनिया पेडिस’ के रूप में भी जाना जाता है। नीम के अर्क में गेडुनिन और निंबिडोल नामक दो घटक पाए जाते हैं, जिसमें कवक के इलाज की क्षमता है।