कोरोना के दौरान कैंसर मरीजों की देखभाल में सतर्कता क्यों है जरूरी?
आपको बता दें कि, कोरोना वायरस की बीमारी कोविड- 19 की चपेट में कैंसर जैसी क्रोनिक डिजीज के मरीजों के आने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे मरीजों में यह वायरस गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक होता है।
जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस के कारण मामूली से गंभीर लक्षण दिख सकते हैं। जिसके बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने से लेकर वेंटिलेटर की जरूरत तक हो सकती है।
क्योंकि कैंसर एक क्रोनिक रोग है और इसमें मृत्यु दर अधिक है। कैंसर की बीमारी लगातार बढ़ती रहती है, बशर्ते कि इसे एक खास समय सीमा के भीतर रोका नहीं जाए। ऐसी स्थिति में रेडिएशन थेरिपी (निर्धारित समय-सीमा में) लेने वाले कैंसर मरीजों की देखभाल और उनका उपचार जारी रखने की जरूरत होती है।
कैंसर के मरीजों के लिए उपचार रोकने का विकल्प नहीं होता है और ऐसे में मरीजों, उनकी देखभाल करने वालों तथा चिकित्सा कर्मियों के लिए कोविड- 19 के संक्रमण की रोकथाम करना जरूरी होता है और इस समूह के मरीजों में इस बीमारी को फैलने से रोकना जरूरी है।