महिलाओं को लॉकडाउन में अधिक हो रहा है स्ट्रेस

फिलहाल लॉकडाउन की वजह से जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है। बच्चे ऑनलाइन स्टडी करते हैं और फिर उन्हें अलग से पढ़ाने के लिए टाइम देना पड़ता है। सुबहर जल्दी उठकर पहले घर का पूरा काम करना पड़ता है और फिर ऑफिस का। दिन से कब रात हो जाती है, पता ही नहीं चल पाता है।

आकांक्षा कहती हैं कि लॉकडाउन में महिलाओं को स्ट्रेस अधिक हो सकता है क्योंकि उन्हें अपने लिए समय ही नहीं मिल पा रहा है। लॉकडाउन के कारण मेंटल प्रॉब्लम भी अहम मुद्दा बनता जा रहा है।

लॉकडाउन में महिलाओं को टेंशन इसलिए ज्यादा हो रही है क्योंकि उन्हें एक साथ कई कामों में अपना बेस्ट देने का प्रेशर है। कानपुर की अमीता सिंह जो कि वर्किंग वुमन है, कहती हैं कि घर के काम जैसे कि खाना सही से नहीं बना तो घरवालों को समस्या, अगर ऑफिस के किसी काम में गड़बड़ हो गई तो बॉस नाराज, काम के दौरान अचानक से इंटरनेट का इश्यू हो जाना, घर के कई कामों को करने के कारण ऑफिस के काम में बेस्ट न दे पाना ऐसे कारण हैं, जो लॉकडाउन में महिलाओं को टेंशन दे रहे हैं।

रोजाना जल्दी उठना और रातो को सही से नींद न ले पाने के कारण दिनभर थकान बनी रहती है। ये मेरी टेंशन का मुख्य कारण है। रजनी आगे कहती हैं कि फिलहाल मैं जॉब नहीं कर रही हूं लेकिन फिर भी मुझे लॉकडाउन में स्ट्रेस की समस्या हो रही है। मेरे ख्याल से लॉकडाउन में महिलाओं को स्ट्रेस की समस्या अधिक झेलनी पड़ रही है।

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