महिलाओं पर क्यों बेअसर है कोरोना वायरस जानें इसके पीछे की वजह
कोविड-19 के वायरस ने जाति, धर्म या उम्र किसी से भी परहेज नहीं किया और सबको अपना शिकार बनाया है, पर मर्द और औरत में फर्क करना इसने सीख लिया है। यह लिंग भेद जरूर कर रहा है। दुनिया भर की रिसर्च और आंकड़ों के मुताबिक कोरोना मर्द और औरतों के बीच खास फर्क कर रहा है। कोरोना के शिकार पुरुष ज्यादा हो रहे हैं, जबकि महिलाएं कम। दुनिया भर में कोरोना से संक्रमित मरिज हों या फिर कोरोना से होने वाली मौत। दोनों ही मामलों में पुरुष महिलाओं से काफी आगे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के महिलाओं पर इतना असर ना करने के पीछे कुछ खास वजहें हैं।
भारत में अब तक कोरोना से जितनी मौत हुई, उनमें 80 फीसदी पुरुष और 20 फीसदी महिलाएं ब्रिटेन के शाही घराने से लेकर हिंदुस्तान में सब्जी का ठेला लगाने वाले तक, कोरोना के वायरस ने किसी को नहीं छोड़ा।
हर आम-ओ-र खास वायरस के इस शिकंजे में फंसे हैं। कहते हैं कि कोरोना वायरस किसी की जाति, धर्म या उम्र देखकर वार नहीं कर रहा है। बल्कि सबको एक लाइन से अपना शिकार बनाता चला जा रहा है।
लेकिन शायद अब इस वायरस ने भेदभाव भी करना शुरु कर दिया है। औरतों पर क्यों बेअसर है कोरोना वायरस। कोरोना से संक्रमित होने वाले और मरने वालों के आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो अंदाजा हो जाएगा कि ये वायरस अब लिंग भेद भी कर रहा है। मिसाल के लिए भारत में अब तक कोरोना से जितनी मौत हुई, उनमें 80 फीसदी पुरुष और 20 फीसदी महिलाएं हैं। इटली में कोरोना से मरने वालों में 68 फीसदी पुरुष 32 फीसदी महिलाएं हैं। चीन में 64 फीसदी पुरुष 36 फीसदी महिलाएं हैं।
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