ग्रहण के लगने पर जानवर क्यों करने लगते है अजीब हरकतें, जानिए इसके हैरान करने वाले रहस्य

प्रकृति के प्रभाव का असर जितना मनुष्य जाति पर होता है उतना ही इसका प्रभाव पशु—प्रणियों पर भी पड़ता है। आपने कभी देखा होगा कि कही मौसम के बदलाव से पशु—पक्षी अपने व्यवहार में भी परिवर्तन कर देते है।

ऐसा ही परिवर्तन जानवरों में ग्रहण के दौरान भी देखा जाता है। ग्रहण भी प्रकृति की अनुपम घटनाओं में से एक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है, जिसका मनुष्य पर ही नहीं जानवरों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें जानवरों के व्यवहार में ग्रहण के दौरान अजीब से परिर्वतन देखने को मिलते है।

यह परिर्वनत सूर्य ग्रहण में ही नहीं वरन् चंद्रग्रहण में भी दिखाई देते है। एक रिर्पाट में बताया गया है कि मकड़ियां ग्रहण के दौरान अपने जाल को तोड़ने लगती है और ग्रहण के खत्म होते ही जाल को वापस बनाना शुरू कर देती है।

पक्षियों को भी ग्रहण के दौरान उड़ते नहीं देखा जाता है क्योंकि ग्रहण के दौरान वो अपने घरों में ही रहते है और ग्रहण के खत्म होने के साथ ही घरों से बाहर निकलने लग जाते है।

साल 2010 में हुए एक शोध के मुताबिक बताया गया है कि अर्जेंटीना और ब्राजील जैसों में पायी जाने वाली नाइट मंकी (रात का बंदर) नामक प्रजाति चंद्र होते ही डरने लगते हैं। वैसे तो यह आमतौर पर पेड़ों पर उछल—कूद करते रहते है लेकिन चंद्र ग्रहण के दौरान ये शांत बैठ जाते हैं इन्हें चलने में भी डर लगने लगता है।

अब चमगादड़ की बात की जाये तो रिसर्च में पता चला है कि यह ग्रहण के लगने से रात होने का अनुमान लगा लेते है और उड़ने लग जाते है। ऐसे ही कई और भी जानवर है जो ग्रहण के दौरान अपने व्यवहार में बदलाव करते है। जानवर ऐसे ही बदलाव कई प्रकार की प्रकृति घटनाओं में करते रहते हैं।

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