What was it? Shakuni uncle's secret, why did he believe everything

आखिर क्या था ? शकुनि मामा के पासों का राज, क्यूँ मानते थे इसकी हर बात

ज्योतिषियों के अनुसार गांधारी की जन्म कुंडली में प्रथम पति की मृत्यु का योग था. इस दुर्घटना को टालने के लिए उन्होंने एक सुझाव दिया. गांधारी की शादी एक बकरे से कर दी जाये, बाद में बकरे को मार दिया जाये. इससे कुंडली की बात सिद्ध हो जाएगी और बाद में गांधारी की दूसरी शादी कर दी जाये. ऐसा ही हुआ। जब गांधारी की शादी के लिए धृतराष्ट्र का रिश्ता आया तो शकुनि को यह जरा भी पसंद नहीं आया.

शकुनि का मत था कि धृतराष्ट्र जन्मांध है और उनका सारा राजपाट तो उनके भाई पांडु ही देखते हैं. शकुनि ने अपना मत दिया पर होनी को कौन टाल सकता है. गांधारी का विवाह धृतराष्ट्र से हुआ और वो हस्तिनापुर आ गयीं। किस्मत का खेल, न जाने कहाँ से धृतराष्ट्र और पांडु को गांधारी के प्रथम विवाह का पता चल गया. उन्हें बड़ा क्रोध आया कि यह बात उनसे छुपायी क्यों गयी और गांधारी एक तरह से तो विधवा ही थी.

इस बात से चिढ़कर उन्होंने गांधारी के पिता सहित 100 भाइयों को पकड़कर जेल में डाल दिया. चूंकि धर्म के अनुसार युद्ध बंदियों को जान से मारा नहीं जा सकता, अतः धृतराष्ट्र और पांडु ने गांधारी के परिवार को भूखा रखकर मारने की सोची. इसलिए वो गांधारी के बंदी परिवार को हर रोज केवल एक मुट्ठी अनाज दिया करते थे.

गांधारी के भाई, पिता समझ गए कि यह उन्हें तिल-तिलकर मारने की योजना है. उन्होंने निर्णय लिया कि एक मुट्ठी अनाज से तो किसी का सबका जीवन क्या बचेगा, अतः क्यों न यह एक मुट्ठी अनाज सबसे छोटे लड़के शकुनि को खिला दिया जाये. कम से कम एक की तो जान बचेगी.

शकुनि के पासे का रहस्य – शकुनि के पिता ने मरने से पहले उससे कहा कि – मेरे मरने के बाद मेरी हड्डियों से पासा बनाना, ये पांसे हमेशा तुम्हारी आज्ञा मानेंगे, तुमको जुए में कोई हरा नहीं सकेगा. शकुनि ने अपने आँखों के सामने अपने भाइयों, पिता को मरते देखा था.

शकुनि के मन में धृतराष्ट्र के प्रति गहरी बदले की भावना थी. बोलने और व्यवहार में चतुर शकुनि अपनी चालाकी से बाद में जेल से छूट गया और दुर्योधन का प्रिय मामा बन गया. आगे चलकर इन्हीं पांसों का प्रयोग करके शकुनि ने अपने 100 भाइयों की मौत का बदला दुर्योधन और उसके 100 भाइयों के विनाश की वृहत योजना बनाकर लिया।

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