क्या कारण है कि आरएसएस ने 52 वर्षों तक अपने मुख्यालय (नागपुर) में तिरंगा नहीं फहराया? जानिए वजह

आपको जानकारी होगी कि भारतीय तिरंगा फहराने के नियम बेहद सख्त हैं, और किसी भी दशा में फ्लैग की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए. मै यहां पर झंडे के नियम और फ्लैग कोड की चर्चा नहीं करूंगा, इसे आप अन्य स्रोत से पता कर सकते हैं परन्तु ये जानकारी साझा करना जरूरी है कि जबसे भारतीय संविधान लागू हुआ है तबसे किसी भी सामान्य भारतीय को अपने घर,या निजी सम्पत्ति या निजी कार्यालय या किसी भी समय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं थी.

26 जनवरी 2002 को कुछ संशोधन किए गए और झंडा फहराने के नियमों में कुछ ढील दी गई, जिसके बाद सामान्य नियमों के आधीन रहते हुए आम आदमी को सम्मान सहित अपने घर, office अथवा निजी संपत्ति पर ध्वज फहराने की अनुमति दी गई, उससे पहले केवल सरकारी दफ्तरों, राजनैतिक हस्तियों और सरकारी कर्मचारियों को ही फ्लैग सेरेमनी करने कि अनुमति थी.

आपने RSS पर सवाल पूछा है तो आपको जानकारी होगी कि RSS किसी भी प्रकार से सरकारी या राजनैतिक संस्था नहीं है, ये एक स्वयंसेवी संस्था है और इसी लिए 2002 तक भी RSS ही नहीं बल्कि किसी भी अराजनैतिक संस्था और व्यक्ति को अपने मुख्यालय पर झंडा फहराने की अनुमति नहीं थी.

2002 के बाद सिर्फ नागपुर ही नहीं बल्कि RSS की सभी शाखाओं पर प्रतिदिन झंडा फहराया जाता है और राष्ट्रगान होता है.

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