बहुत महंगी सब्जी: ₹30000 किलो, गरीब है तो कभी नहीं खा पाएंगे,जानिए इसके बारे में
प्रकृति से मिलने वाली और उर्वरक भूमि में पैदा होने वाली गुच्छी नाम का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसका औषधि नाम मार्कूला एस्क्यूपलेटा है ।यह स्पंज मशरूम के नाम से देश भर में मशहूर है।
सेहत का ख्याल रखना सभी मानव का प्रथम लक्ष्य होता है जिसके लिए हम विटामिन से भरपूर चीजों को अपने भोजन में शामिल करते हैं, लेकिन इस मिलावट के दौर में बाजार में असली चीजें कभी कभी मिलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए हम प्रकृति से मिलने वाली साग सब्जियों का इस्तेमाल करते हैं।
इसका औषधि नाम मार्कूला एस्क्यूब लेटा है-
प्रकृति से मिलने वाली गुच्छी पौधा का औषधीय नाम मार्कुला एस्क्यूब लेटा है। यह स्पंज मशरूम के नाम से पूरे देश में मशहूर है। यह गुच्छी स्वाद में बेजोड़ और औषधीय गुणों से भरपूर है। स्थानीय भाषा में इसे छतरी या टटमोर कहते हैं। गुच्छी चंबा, कुल्लू, शिमला ,मनाली सहित प्रदेश के कई जिलों में पाई जाती है। इसका सेवन सब्जी के रूप में किया जाता है। यह सब्जी सबसे महंगी सब्जी है। हिमाचल के बड़े होटलों में इसकी सप्लाई होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के प्रधानमंत्री थे तब वह एक बार पत्रकारों को बताया था कि उनकी सेहत का राज हिमाचल प्रदेश का मशरूम है ।
प्रधानमंत्री इसे बहुत पसंद करते हैं।
गुच्छी के लाभ
गुच्ची में b-complex बिटामिन, विटामिन डी और कुछ जरूरी अमीनो एसिड पाए जाते हैं। इसे लगातार खाने से दिल का दौरा पड़ने की संभावना बहुत कम हो जाती है। यह मोटापा सर्दी जुकाम आदि रोगों से बचाती है।
₹30000 किलो बिकती है गुच्छी
₹30000 प्रति किलो बिकने वाली गुच्छी को स्पंज मशरूम भी कहा जाता है। यह सब्जी हिमाचल प्रदेश कश्मीर और हिमालय के ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में ही होती है। यह गुच्छी बर्फ पिघलने के कुछ दिन बाद ही उगती है। बड़ी कंपनियां गुच्छी 10 से ₹15000 प्रति किलो में खरीद लेते हैं जबकि बाजार में इसे 25 से ₹30000 प्रति किलो तक बेच देते हैं।