UP: पुलिस के बाद मीडिया पर हमला, क्या कर रही योगी सरकार?
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले यूपी के गाजियाबाद जिले में मोटरसाइकिल पर बेटियों के साथ जा रहे एक पत्रकार पर बदमाशों
ने दिनदहाड़े फायरिंग कर उसे जख्मी कर दिया। पत्रकार विक्रम जोशी का कसूर केवल इतना था कि उन्होंने कुछ दिन पूर्व विजयनगर
थाने पर उनकी भांजी के साथ कुछ लड़कों द्वारा छेड़खानी किए जाने की शिकायत की थी।
एनसीआर इलाके में दिनदहाड़े हुई इस वारदात ने यूपी की योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है। अपने सख्त मिजाज की पहचान बनाने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता संभालते ही आपरेशन मजनू चलाकर यहां की बेटियों को सुरक्षित माहौल में जीवन यापन करने का संदेश दिया था। इसके विपरीत यदि कहा जाये तो गलत नहीं होगा कि वक्त गुजरने के साथ ही उनकी यह पहल ढीली पड़ गई और
आज महिलाएं फिर से असुरक्षित वातावरण में जीने के लिए मजबूर हैं।
यूपी की कानून व्यवस्था का यह हाल है कि यहां कोई वारदात हो जाने के बाद पुलिस जागती है। कानपुर का विकास दुबे कांड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आठ पुलिस वालों की हत्या के बाद पुलिस के कान खड़े हुए और ताबड़तोड़ बदमाशों के एनकाउंटर किये गये।