ये है अफ्रीका का शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी
लाइम घास दक्षिण एशिया में पाई जाने वाली एक प्रकार की घास है जिसका उपयोग रसोई में व्यंजन पकाने के लिए किया जाता है। नींबू का भूसा विशेष रूप से भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें नींबू की गंध आती है, इसलिए इसका नाम लेमन ग्रास है। यह एक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग दक्षिण अफ्रीका में प्राचीन काल से स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट गुण हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। इस जड़ी बूटी का उपयोग अरोमाथेरेपी में व्यापक रूप से थकान, चिंता और शरीर की गंध को दूर करने के लिए किया जाता है।
इस भूसे का उपयोग दक्षिण अफ्रीका के लोग चाय, शर्बत और करी बनाने के लिए भी करते हैं। आइये अब जानते हैं इससे क्या फायदे होते हैं।
खराब कोलेस्ट्रॉल को खत्म करता है:
लेमन ग्रास में एंटी-हाइपरलिपिडेमिक और एंटी-हाइपरकोलेस्टेरोलेमिक गुण होते हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं। यह ट्राइग्लिसराइड का स्वस्थ स्तर बनाए रखता है और खराब कोलेस्ट्रॉल को समाप्त करता है।
कैंसर से लड़ने में मदद करता है:
इसमें कैंसर विरोधी गुण होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने का काम करते हैं। इसमें सिट्रल नामक एक यौगिक होता है, जो त्वचा के कैंसर में बहुत फायदेमंद है।
अच्छे से सो:
लेमन ग्रास टी खाने से शरीर थक जाता है, जिससे नींद ज्यादा अच्छी आती है। यह अनिद्रा वाले लोगों के लिए बहुत उपयोगी है।
श्वसन संबंधी विकारों से लड़ने में मदद करता है:
लेमन ग्रास फेफड़ों से संबंधित बीमारियों जैसे सर्दी-खांसी और कोल्ड साइनस अस्थमा के लिए बहुत प्रभावी उपाय है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है जो श्वसन संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है। फेफड़े के फेफड़े के विकारों से राहत पाने के लिए फेफड़े की पुआल की चाय, शोरबा और करी ली जाती है।