यह प्राणी ‘बिना भोजन-पानी’ के 30 वर्षों तक रह सकता है जीवित

चित्र में दिख रहा है जीव को देखकर आपको लगा होगा कि किसी भालू ने ओवरकोट पहन रखा है। परंतु, आपको आश्चर्य होगा कि, वास्तविक जीव ऐसा ही होता है। इसने ओवरकोट नहीं पहना है। यह वास्तविक जीव की ही फोटो है।

यह ‘ओवरकोट पहनने वाला भालू’ या “पानी का भालू” या Tardigrade कहलाता है।

यह ‘पर्वतों’ से लेकर, गहरे ‘समुद्र’, ‘ज्वालामुखी’ से बनी हुई झील, वर्षा वनों तथा अंटार्कटिका तक पाया जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ही यह है कि, ये विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी जीवित रह सकता है।

दरअसल यह एक सूक्ष्मदर्शी जीव होता है अर्थात इन्हें माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है।

इनकी लंबाई मात्र 0.5 मिलीमीटर से1.5 मिली मीटर होती है। इनके शरीर में एक सिर, धड़, 4 जोड़ी पैर तथा एक पूछ भी होती है।इसके 4 जोड़ी पैर में ‘सक्शन डिस्क’ होते हैं। यह मंद गति से चलने वाले जीव होते हैं। इनका विशेष प्रकार से बना हुआ, मुंह होता है। नर तथा मादा अलग-अलग होते हैं।

यह पौधों की कोशिकाओं शैवाल और छोटे अकशेरुकी जीवो को खाते हैं।

“पानी के भालू” का जीवन काल लगभग 3 से 4 महीने का होता है। परंतु, इनके जीवन के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां होने पर, यह अपने सभी “जैविक कार्य” लगभग पूरी तरह कैसे बंद कर सकते हैं। इस अवस्था को “सुप्त-अवस्था” कहते हैं ;

‘सुप्त अवस्था’ – यदि तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आस-पास हो तो, यह “30 साल” तक, बिना कुछ ‘भोजन- पानी’ के , ‘सुप्त- अवस्था’ में रह सकता है।
‘मेटाबॉलिज्म’ – इस अवस्था में है इनके मेटाबॉलिज्म या चयापचय की दर, सामान्य से 0.01% रह जाती है।

‘वायुमंडलीय दबाव’ – सामान्य ‘वायुमंडलीय दबाव’ की तुलना में, 1200 गुना अधिक दबाव होने पर भी, यह सहन कर सकते हैं।
‘विकिरण’ – अन्य जानवरों की तुलना में यह 1000 गुना अधिक, ‘विकिरण’ का सामना कर सकते हैं।

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