मूड को अच्छा रखने के लिए शरीर में महत्वपूर्ण है ये हार्मोन
डोपामाइन को प्लेजर हॉर्मोन भी कहते हैं. सेक्सुअल एक्टिविटी से भी डोपामाइन रिलीज होता है. किसी भी एक्टिविटी को लेकर हमारी एक्साइटमेंट भी इसी कारण से होती है. डोपामाइन किसी भी मनपसंद कार्य को करने पर रिलीज होता है इसलिए बोला जाता है कि अपनी पसंद को महत्व दें व खुश रहें.
ऑक्सीटोसिन को लव हॉर्मोन के नाम से भी जाना जाता है. मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार ऑक्सिटोसिन एक ऐसा हॉर्मोन है, जो हमारे अंदर संतुष्टि का भाव पैदा करता है. ऐसे में प्रयास करनी चाहिए कि अपने आसपास ऐसे लोगों का साथ रखें जिन्हें आप पसंद करते हैं, उन लोगों के साथ वक्त बिताने पर ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन रिलीज होता है व हमारा मूड अच्छा रहता है.
प्रोजेस्टेरॉन की वजह से होता है मूड स्विंग
प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन हमें चिंता, चिड़चिड़ापन व मूड स्विंग्स से बचाता है. स्त्रियों में आमतौर पर 35 वर्ष से 40 वर्ष की आयु के बीच यह हॉर्मोन प्राकृतिक रूप से कम होने लगता है क्योंकि यह आयु स्त्रियों में प्रीमेनॉपॉज ऐज (रजोनिवृत्ति) कहलाती है.