भोले बाबा का ऐसा दरवार जहाँ प्रतिदिन बदलता है शिवलिंग का आकार
हरदोई जिले से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम सकाहा में श्री शिव संकट हरण मंदिर जनपद ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश भर में भक्तों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में यूँ तो पूरे साल भर ही भक्तों का आवागमन लगा रहता है लेकिन सावन के महीने में यहाँ की शोभा में चार चांद ही लग जाते हैं। प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में भक्तों का तांता पूरे महीने भर लगा रहता है।
जाने क्या है मंदिर का इतिहास
मंदिर के प्रमुख पुजारी उदय प्रताप गिरी (पप्पू बाबा) के अनुसार ये मंदिर तकरीबन 70 साल पुराना है आज से लगभग 70 वर्ष पहले पड़ोस में पड़ने बाले गाँव बावन के एक सेठ जिनका नाम लाला हीरालाल था इधर से गुजरे पुजारी के मुताबिक वो किसी काम से जा थे.
और उनके लड़के को फांसी होने बाली थी सेठ यहाँ पर लघुशंका के लिए बैठे तो उन्हें एक छोटी सी शिवलिंग के दर्शन हुए कहते है कि उन्होंने कहा कि अगर इस शिवलिंग के अंदर सच्चाई है तो मेरे लड़के की फांसी छूट जाए।
और भोलेनाथ की कृपा से उनके लड़के की फांसी बच जाती है तब सेठ ने छोटे से मन्दिर का निर्माण करवाया और मन्दिर का प्रचार प्रसार हुआ धीरे धीरे आज हज़ारो की संख्या में कई जनपदों से भक्त आकर संकटहरण भोलेनाथ के चरणों मे अपना सिर झुकाते है।
और साथ साथ ये भी कहा जाता है कि यहाँ जो भी मन्नत मांगी जाती है बो भी पूरी होती है । इसके साथ साथ पुजारी का यह भी कहना है कि शुरुआत में शिवलिंग का आकार काफी छोटा था शिवलिंग के आकार में निरन्तर वृद्धि होने कारण अब काफी विशाल हो चुका है।