हिंदू धर्म के साथ के अनुसार अगर आपके घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है तो उस का श्राद उसका बेटा करेगा अगर बेटा घर में नहीं है तो उसकी पत्नी करेगी अगर पत्नी नहीं है तो उसके कोई सगे संबंधित होंगे उसे करना होगा इसके अलावा घर में हमेशा बड़ा बेटा ही अपने पितरों का श्राद्ध करता है इस बात का उल्लेख धर्म साथ में भी किया गया है।
शास्त्रों के मुताबिक जब पितर पक्ष चलता है तो जब आप ब्राह्मणों को भोजन करवाते हैं तो एक बात का विशेष ध्यान देना होगा कि भोजन समापन के बाद ब्राह्मणों को छोड़ने के लिए उन्हें उनके स्थान तक ही जाना पड़ता है क्योंकि उस समय उनके साथ पितर भी चलते हैं इसलिए आप कभी भी इस प्रकार की गलती ना करें।
शास्त्रों के अनुसार जब भी आप श्राद्ध का आयोजन करते हैं तो सबसे पहले आपको ब्राह्मणों को निमंत्रण भेजना पड़ता है तभी जाकर आपका श्राद्ध सफल और फलदायक हो पाएगा नहीं तो इसके परिणाम खराब निकलते हैं।
शास्त्रों के अनुसार पितरों को दही घी खीर जैसा भोजन पदार्थ काफी प्रिय हैं आप इन सभी भोजन को ब्राह्मणों को जरूर खिलाएं तभी जाकर आपका श्राद्ध सफल हो पाएगा।
आप जब भी पितर पक्ष में अपने पितरों को याद करते हैं तो एक बात का विशेष ध्यान रखना कि भोज पदार्थों में से अलग से गाय चींटी और कुत्तों के लिए भोजन को अलग कर ले बाद में उनको खिला दे क्योंकि अगर आप इस प्रकार की क्रिया नहीं करते हैं तो आप का किया हुआ सारा कर्म भ्रष्ट हो जाएगा और इसका आपको फल नहीं मिलेगा।