SDM एवं SDO में क्या अंतर होता है?
व्यावहारिक तौर पर कोई अंतर नहीं होता है। हर राज्य की अलग परंपरा है।
उत्तर प्रदेश में SDM कहते हैं – सब डिविजनल मजिस्ट्रेट
बिहार में SDO कहते हैं – सब डिविजनल ऑफिसर
लेकिन विधि व्यवस्था हेतु दोनों 100% एक हैं।
SDO को 100% मैंजिस्टेरिअल पावर SDM के बराबर हैं।
जैसे DM को बहुत जगह DC कहते हैं पर दोनों की मैंजिस्टेरिअल शक्तियां एक हैं। DC कह देने से मजिस्ट्रेट वाले पावर का लोप नहीं हो जाता है।
बहुत जगह (झाड़खंड ) DJ डिस्ट्रिक्ट जज को JC ज्यूडिशियल कमिश्नर कहते हैं – इसका यह मतलब नहीं हुआ कि JC के पास जज की शक्तियां नहीं हैं।
बस एक अंतर है ।
SDM मात्र प्रशासन में होता है।
SDO प्रशासन के अलावा अन्य सरकारी विभागों में भी होता है। जैसे
- SDO (टेलीकॉम )
- SDO (विद्युत )
- SDO ( कृषि )
- SDO ( पोस्ट )
ऐसा इस कारण हुआ क्योंकि ब्रिटिश काल मे प्रशासन की इकाई जिला या डिवीजन होता था जो विभिन्न सब डिवीजन में विभाजित रहता था और उससे छोटा ब्लॉक । अंचल (सर्किल) इकाई भी प्रयुक्त होता है।