NEET Case: Supreme Court said reservation is not your fundamental right

NEET मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा आरक्षण आपका मौलिक अधिकार नही

उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए देश स्तर के कोटे में तमिलनाडु द्वारा छोड़ी गयी सीटों में अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को 50 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने संबंधी याचिकाओं की सुनवाई से यह कहते हुए आज इनकार कर दिया कि आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट की खंडपीठ ने इस मसले पर द्रमुक, अन्नाद्रमुक और वाम दलों के एक मंच पर आने को लेकर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, हम देख रहे हैं कि सभी विरोधी राजनीतिक दल इस मामले में एकजुट हो गये हैं, लेकिन आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है और इसे संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत चुनौती नहीं दी जा सकती।

न्यायालय ने टिप्पणी की कि किसके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है? अनुच्छेद-32 केवल मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए है। उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि आप सभी तमिलनाडु के नागरिकों के मौलिक अधिकारों में रुचि रखते हैं, लेकिन आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है।

न्यायमूर्ति राव ने याचिकाकर्ताओं से पूछा, क्या आप चाहते हैं कि हम याचिका खारिज करें या आप याचिका वापस लेंगे। आप याचिका वापस लेना चाहते हैं तो हम इसकी अनुमति दे सकते हैं।

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