महात्मा गांधी ने जिंदगी में बहुत ही सात्विक और शाकाहारी भोजन का सेवन करना पसंद करते थे जैसा कि आप लोग जानते हैं कि का महात्मा गांधी के विचार जितने उच्च कोटि के थे उसी प्रकार के भोजन भी उनके काफी उच्च कोटि के हुआ करते थे यानि कहने का मतलब है कि वह अपने जीवन में कभी भी मांस मछली का सेवन नहीं करते थे हमेशा साग सब्जी और रोटी खाना पसंद करते थे गांधीजी का मानना था कि व्यक्ति का विचार उच्च कोटि का होना चाहिए लेकिन खाना हमेशा साधारण और सात्विक होना चाहिए ताकि व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा है और उसे अच्छे अच्छे विचार आये।
गांधीजी अपने निजी जीवन में उन्हें दाल चावल खाना बहुत ज्यादा पसंद था उनका मानना था कि इस प्रकार के खाना खाने से तन और मन दोनों ही स्वस्थ रहते हैं और साथ में व्यक्ति को अनेकों प्रकार के गंभीर बीमारी होने का खतरा ना के बराबर हो जाता है इसलिए गांधी जी अपने दे डेली रूटीन में दाल और चावल को बड़े ही प्यार से खाते थे और इसका मजा उठाते थे।
गांधीजी अपने निजी जीवन में उन्हें दही खाना बहुत ज्यादा पसंद था क्योंकि उनका मानना था कि दही खाने से व्यक्ति का तन और मन दोनों ही ठंडा रहता है और साथ में व्यक्ति अपने आपको काफी तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करता है जैसा कि आप लोग जानते हैं कि दही खाना हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद होता है इसलिए गांधी जी अपनी दैनिक दिनचर्या में दही का सेवन हमेशा भात या रोटी के साथ किया करते थे। जो अपने आप में काफी महत्वपूर्ण और अहम जानकारी है।