देश में 4 मई से 17 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, ग्रीन और ऑरेंज जोन में मिलेगी छूट !
देश में लॉकडाउन 4 मई से 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। यह 3 मई को खत्म हो रहा था। सरकार ने बताया कि 14 दिन तक रेड जोन में कोई राहत नहीं दी जाएगी। लेकिन, ऑरेंज और ग्रीन जोन में थोड़ी रियायत दी जाएगी। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी। यह करीब ढाई घंटे चली। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत, रेल मंत्री पीयूष गोयल समेत सेक्रेट्री लेवल के कई अन्य अफसर मौजूद रहे.
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है. दरअसल 3 मई को लॉकडाउन-2 की अवधि खत्म हो रही है. ऐसे में संकेत मिले हैं कि केंद्र सरकार 4 मई से ग्रीन जोन वाले इलाकों में छूट के दायरे के और बढ़ा सकती है. यानी 4 मई से जिंदगी एक बार फिर रफ्तार पकड़ सकती है.
आपको याद होगा कि देश के नाम पहले संबोधन में पीएम मोदी ने जान है तो जहान है का संदेश दिया था. इसके बाद जब दूसरी बार लॉकडाउन लगाया तो पीएम मोदी ने जान भी और जहान भी का मंत्र दिया. यानी दूसरी बार में ही उनका इरादा साफ था कि जान भी बचानी है और जहान भी यानी जिंदगी को रफ्तार भी देनी है. यही वजह है कि सरकार ने देश को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जैसे अलग-अलग जोन में बांट दिया है.
इसी तरह से ग्रीन जोन्स में 4 मई से सभी फैक्ट्रियों में फिर से काम शुरू करने की इजाजत दी जा सकती है। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को भी छूट दी जा सकती है। ईंट भट्ठों को पहले ही छूट दी जा चुकी है। ग्रीन जिलों में निर्माण गतिविधियों पर लगा ब्रेक हट सकता है। कंस्ट्रक्शन का काम जोर पकड़ सकता है।
ग्रीन जोन्स में ट्रांसपोर्ट को भी सीमित रूप से खोला जा सकता है। पश्चिम बंगाल में बसों और टैक्सियों को ग्रीन जोन्स के भीतर चलने की इजाजत दी जा सकती है। इंटर-स्टेट बस सर्विस बंद रहेगी। इसी तरह अन्य राज्यों में भी इस तरह की छूट मुमकिन है। हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना जरूरी होगा।
3 मई के बाद ग्रीन जोन्स में प्रतिबंधों के दायरे को सीमित जरूर किया जा सकता है लेकिन भीड़-भाड़ की इजाजत तब भी नहीं होगी। शादी समारोह, धार्मिक आयोजन, जुलूस जैसी भीड़भाड़ वाली गतिविधियों पर आगे भी रोक बरकरार रहेगी।
देश में 129 जिले रेड जोन्स में हैं यानी वहां कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट्स हैं। पूरी दिल्ली रेड जोन में है। मुंबई, अहमदाबाद, सूरत जैसे बड़े औद्योगिक केंद्र भी रेड जोन्स में हैं, जहां रियायतों की गुंजाइश न के बराबर है।