जानिए गंगाजल को क्यों माना जाता है चमत्कारी

गंगा भारत के पवित्र और एक मशहूर नदी है और साथ में हिंदू धर्म में इसका स्थान माता के समान होता है अगर हम इस नदी के बारे में बात करें तो कहा जाता है कि किसी भी मरे हुए व्यक्ति की आत्मा के अस्थियों को को गंगा में ही विसर्जन किया जाता है तभी जाकर उसकी आत्मा को शांति मिल गई है इसके अलावा अगर किसी मरे हुए व्यक्ति की श्राद्ध करना होता है तो गंगा के किनारे ही लोगों को जाना पड़ता है और इस नदी का अपने आप में अनेकों प्रकार के धार्मिक या वैज्ञानिक रूप से काफी ऐसे रहस्य हैं जो बहुत कम लोगों को शायद ही मालूम हो गए। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में है जब कोई भी व्यक्ति घायल हो जाता था तो उसके गांव पर अगर गंगाजल छिड़क किया जाता था तो उसका घाव बहुत जल्दी ठीक हो जाता था इसके पीछे का कारण है कि गंगाजल में कुछ ऐसे वायरस जो पाए जाते हैं

गंगाजल कई प्रकार से लोगों की मदद करता है अगर आपके घर में किसी खराब आत्मा का प्रवेश हो गया है तो आप अपने घर में इस जल का छिड़काव करते हैं तो आपको उससे छुटकारा मिल जाता है और साथ में किसी भी पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का इस्तेमाल करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है इस बात का उल्लेख हिंदू धर्म शास्त्रों में भी किया गया है और गंगा हमारी माता के समान होती है और सभी लोग इसकी पूजा बड़े ही विधि विधान से करते हैं और अपने मन की मनोकामना की पूर्ति के लिए माता गंगा से प्रार्थना भी करते हैं लेकिन अगर हम विज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो गंगाजल प्राचीन काल लोगों के घाव भरने में भी काफी मदद करती थी क्योंकि इसमें एक ऐसा प्रोटीन पाया जाता है जो घाव में उपस्थित थे बैक्टीरिया और कीटाणुओं को को खा जाता है जिससे आपका गांव बहुत तुरंत ठीक हो जाता है और आप गंभीर बीमारी से बच जाते हैं।

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