जानिए आखिर क्यों मार्केट में आए फ्लेवर कॉन्डम?

दोस्तों आपको बता दे की इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक स्टडी में पाया गया कि करीब छह प्रतिशत लोग यौन संबंधी बीमारियों से प्रभावित होते हैं। बता दें कि हर साल करीब 30 से 35 मिलियन नए यौन संबंधी बीमारियों के केस सामने आते हैं। फ्लेवर्ड कॉन्डम की जरूरत की बात की जाए तो इसकी खोज उन लोगों के लिए की गई जिन्हें ओरल सेक्स में दिलचस्पी है।

दोस्तों फ्लेवर्ड कॉन्डम की जरूरत का एक कारण यह भी है कि बिना फ्लेवर वाले कॉन्डम से जब ओरल सेक्स किया जाता है, तो वह काफी अटपटा लगता है। कई बार लेटेक्स रबर की महक भी लोगों को पसंद नहीं आती।

दोस्तों विभिन्न प्रकार के फ्लेवर से हर बार आपको ओरल सेक्स में कुछ नया मिलता है। कई लोगों के लिए यह रोमांच का नया तरीका भी होता है।

दोस्तों लोगों को ओरल सेक्स के दौरान बीमारी ना हो इसलिए ही कॉन्डम में फ्लेवर को जोड़ा गया है। फ्लेवर कॉन्डम से ओरल सेक्स के खतरे को कम किया जा सकता है। टीवी में आने वाले विज्ञापन भी इसके बारे में जानकारी देते है। फ्लेवर कॉन्डम सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज के खतरे को कम कर सकते हैं।

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