जानिए क्या हवा से फैलता है कोरोना वायरस?
कुछ हाल ही में हुई कोरोना वायरस के हवा में फैलने पर अध्ययन किया गया है, लेकिन उनके अभी पुख्ता इंतजाम नहीं आ पाए हैं। लेकिन, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोरोना वायरस ट्रांसमिशन को रोकने के लिए रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स और व्यक्तिगत संपर्क से दूर रहकर साफ-सफाई जैसी सावधानी बरतनी चाहिए।
हालांकि, कुछ निश्चित प्रक्रिया और सपोर्ट ट्रीटमेंट के दौरान भी एयरबोर्न ट्रांसमिशन को रोकने के लिए एहतियात बरतनी चाहिए। क्योंकि, बेशक अभी कोरोना वायरस के हवा से फैलने के पुख्ता सबूत या प्रमाण नहीं मिले हैं।
कोरोना वायरस का फैलाव संक्रमित व्यक्ति के आसपास मौजूद फोमाइट्स से भी हो सकता है। फोमाइट्स वो चीजें या सतह होती हैं, जिनपर वायरस कुछ देर से लेकर कई दिन तक जिंदा रह सकता है, जैसे- हैंडल, मोबाइल आदि। जब इन फोमाइट्स पर संक्रमित व्यक्ति की रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स संपर्क में आती हैं, तो वायरस इन पर आ जाता है। फिर इस फोमाइट्स के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है।
एयरबोर्न ट्रांसमिशन ड्रॉप्लेट्स ट्रांसमिशन से अलग होता है। क्योंकि, ड्रॉप्लेट्स न्यूक्लाई यानी 5 माइक्रोमीटर से भी कम डायमीटर की ड्रॉप्लेट्स वातावरण में मौजूद हवा में कुछ समय तक रह सकती है और इसी हवा के जरिए संक्रमित व्यक्ति से 1 मीटर से भी ज्यादा दूरी तक संपर्क में आ सकती हैं।