जानिए किस एक अजीब कारण से झपकती हैं हमारी पलकें

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि दुनिया में बहुत सारे रोचक तथ्य हैं. जिन्हें जानकर आप हैरान तो हो जाते हैं लेकिन उन्हें समझ नहीं पाते ऐसा कि हुआ इसी में से एक तथ्य है कि किस एक अजीब कारण से झपकती हैं हमारी पलकें तो चलिए हम आपको बताते हैं ऐसा क्यों होता है.

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आप बिना पलक झपके रह नहीं सकते.लेकिन पुरानी कथाओं का माना जाए तो राजा निमि  के शासनकाल से पहले मनुष्य और पशु पक्षी अपनी पलकें नहीं झपकती थे. देवी देवता पुराण के छंद में एक बहुत ही रोचक कथा है जिसमें बताया गया कि क्यों मनुष्य और पशु पक्षी अपनी पलके झपकती हैं.यह एक श्राप के कारण ऐसा हुआ था.

एक दिन राजा निमि ने अपने गुरु को एक काम करने को कहा लेकिन उन्होंने नहीं किया तो राजा ने क्रोध में आकर उन्हे अपने गुरु वशिष्ठ को शाप दे दिया कि उनका शरीर भी नष्ट हो जाए।

शाप से दुःखी ऋषि वशिष्ठ अपने पिता ब्रह्मा जी के पास पहुंचे। ब्रह्मा जी ने बताया यह उपाय ब्रह्मा जी ने कहा कि आप ऋषि मित्र और वरुण के शरीर में सूक्ष्म रूप से समा जाइए। इन्हीं के द्वारा आपको नया शरीर प्राप्त होगा और आप अपने धर्म ज्ञान को उस नए शरीर में भी याद रख पाएंगे। ऋषि वशिष्ठ जी ने ऐसा ही किया, वह सूक्ष्म रूप से मित्र वरुण के शरीर में समा गए।

इस तरह वशिष्ठ जी को मिला नया जन्म एक समय उर्वशी उप्सरा ऋषि मित्र वरुण के आश्रम में आईं। अप्सरा को देखकर ऋषि मित्रवरुणा कामशक्त हो गए। इनके वीर्य से दो बालकों का जन्म हुआ एक अगस्त और दूसरे वशिष्ठ मुनि कहलाए। जबकि राजा निमि के तप से प्रसन्न होकर मां दुर्गा प्रकट हुईं और राजा नीमि ने उनसे यह वरदान मांगा कि वह जीवन मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाकर जीवों के नेत्रों में रहें। और पलकें झपकने लगीं मां दुर्गा ने राजा नीमि को वरदान दिया कि वह वायु रूप में मनुष्य और पशु पक्षियों के नेत्रों में विराजमान रहेंगे

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