जानिए 3-सिलेंडर या 4-सिलेंडर इंजन वाली कार में क्या है अंतर

दोस्तों आपको बता दे की 4-सिलेंडर वाला इंजन 3-सिलेंडर वाले से ज्यादा पावरफुल है। उनका तर्क होता है कि 3-सिलेंडर वाला इंजन ज्यादा आवाज करता है। आइए आज जानते हैं कि 3-सिलंडर और 4-सिलेंडर वाले इंजन में क्या है अंतर, साथ ही क्या हैं फायदे और नुकसान…

कार सिलेंडर में ही इंजन के पिस्टन रिंग्स के अंदर क्रैंकशॉफ्ट के जरिए मूवमेंट करते हैं। अगर आपके पास 3-सिलेंडर वाली कार है, तो तीन सिलेंडर इंजन को मूवमेंट देते हैं।

3-सिलेंडर और 4-सिलेंडर का कंपेरिजन
सिलेंडर की संख्या से इंजन की क्षमता पर असर पड़ता है। जहां 4-सिलेंडर क्रैंकशॉफ्ट के प्रत्येक 90 डिग्री के रोटेशन पर पावर जेनरेट करता है, तो वहीं 3-सिलेंडर इंजन के क्रैंकशॉफ्ट के प्रत्येक 120 डिग्री घूमने पर पावर जेनरेट करता है।

3-सिलेंडर वाला इंजन 4-सिलेंडर के मुकाबले कम ईंधन खर्च करता है, जिससे गाड़ी ज्यादा माइलेज देती है। छोटी कारों में आजकल 3-सिलेंडर का इंजन आ रहा है, जो उसे ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट बनाते हैं।

कम संख्या में सिलेंडर होने से मेटल से मेटल के बीच कम घर्षण होगा, जिससे ईंधन काम मात्रा में खर्च होगा और जिससे स्मूथ मूवमेंट मिलेगा।

3-सिलेंडर वाले इंजन में थोड़ा और काम करने की जरूरत है। 4-सिलेंडर वाले इंजन के मुकाबले 3-सिलंडर इंजन ज्यादा शोरगुल करते हैं।

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