जानिए आखिर मरने के बाद इंसान का क्या होता है जान कर हो जाएगे हैरान
वेद, स्मृति और पुराणों अनुसार आत्मा की गति और उसके किसी लोक में पहुंचना का वर्णन अलग-अलग मिलता है। हम हां पौराणिक मत को जानेंगे लेकिन पहले संक्षिप्त में वैदिक मत भी जान लें जो कि गति के संदर्भ में है। सभी को मालुम होगा कि जिसने इस संसार को बनाया वो ही हमारा रचनाकार है और जो जन्म लेता है उसे एक ना एक दिन मृत्यु को प्राप्त होना ही पडता है ये एक साशवत नियम है। वैसे दुनिया में हर धर्म का अपना-अपना रिवाज होता है। कहते है कि मरने के बाद इंसान मिट्टी में मिल जाता है।
भले ही हर मजहब में अंतिम संस्कार का तरीका अलग अलग हो मगर जब किसी भी इंसान की मृत्यु होती है तो वह किसी ना किसी तरह से मिट्टी में मिल ही जाता है। ऐसे में मुस्लिम समाज में अक्सर लोगो को कब्र में दफनाया जाता है। अक्सर लाश पर इत्र और नमक छिड़का जाता है, ताकि लाश से बदबू ना आए।
स्वयं भगवान कृष्ण ने भी गीता में आत्मा की अमरता की बात कही है। लेकिन मृत्यु क्या है मृत्यु से कुछ सेकंड पहले क्या होता है। ज वह एक वीडियो में इस विषय पर बहुत सारी बातें करता है।
पुराणों के अनुसार जब भी कोई मनुष्य मरता है या आत्मा शरीर को त्यागकर यात्रा प्रारंभ करती है तो इस दौरान उसे तीन प्रकार के मार्ग मिलते हैं। उस आत्मा को किस मार्ग पर चलाया जाएगा यह केवल उसके कर्मों पर निर्भर करता है। ये तीन मार्ग हैं- अर्चि मार्ग, धूम मार्ग और उत्पत्ति-विनाश मार्ग।
अर्चि मार्ग ब्रह्मलोक और देवलोक की यात्रा के लिए होता है, वहीं धूममार्ग पितृलोक की यात्रा पर ले जाता है और उत्पत्ति-विनाश मार्ग नर्क की यात्रा के लिए है। हालांकि सभी मार्ग से गई आत्माओं को कुछ काल भिन्न-भिन्न लोक में रहने के बाद पुन: मृत्युलोक में आना पड़ता है। अधिकतर आत्माओं को यहीं जन्म लेना और यहीं मरकर पुन: जन्म लेना होता है।