जानिए डंबल पुल-ओवर व्यायाम करने का सही तरीका

छाती की मांसपेशियों के विकास और मजबूती के लिए बेंच प्रेस सबसे लोकप्रिय और प्रभावी व्यायाम माना जाता है। फ्लैट बेंच प्रेस, इन्क्लाइन बेंच प्रेस हो या डिक्लाइन बेंच प्रेस, चौड़ी छाती की चाहत रखने वालों के लिए यह सारे व्यायाम वरदान साबित हो सकते हैं। शरीर के किसी भी हिस्से के संपूर्ण व्यायाम के लिए विभिन्न कोणों और अभ्यासों को प्रयोग में लाना जरूरी होता है।

ऐसे ही डंबल पुलओवर व्यायाम को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है कि क्या चेस्ट-डे या बैक-डे के दिन इस व्यायाम को किया जा सकता है? ऐसी चर्चा इसलिए है ​क्योंकि डंबल पुल ओवर व्यायाम एक साथ छाती की पेक्टोरल और पीठ की लेटिसिमस डोरसी मांसपेशियों पर प्रभाव डालता है। परिणामस्वरूप आम तौर पर डंबल पुलओवर व्यायाम को चेस्ट वर्कआउट-डे और बैक वर्कआउड-डे के बीच वाले दिन में करने की सलाह दी जाती है।

कुछ लोगों ने अलग तकनीक से इस समस्या का हल ढूंढने का प्रयास किया, जिससे इस व्यायाम को सिर्फ पीठ या छाती की मांसपेशियों को लक्षित किया जा सके। (यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप उस दिन शरीर के किस अंग को लक्षित करना चाह रहे हैं)। सच्चाई यह है कि मानक तकनीक का पालन करना वास्तव में दोनों मांसपेशी समूहों के व्यायाम के लिए पर्याप्त है। ऐसे में सप्ताह के विभिन्न दिनों में अलग-अलग तकनीक से इस व्यायाम को करने में हानि नहीं है।

डंबल पुल-ओवर व्यायाम करने का सही तरीका –
किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले वार्म अप करना बेहद जरूरी होता है। इसके साथ ही कुछ गतिशीलता वाले व्यायाम भी करने चाहिए, जिससे लक्षित मांसपेशियों में सक्रियता आ सके और व्यायाम के दौरान लगने वाली चोट का खतरा न रहे। व्यायाम को समाप्त करने के बाद मांसपेशियों को स्ट्रेच करना न भूलें।

किन उपकरणों की होगी आवश्यकता

एक बेंच
अपनी क्षमता अनुसार भार वाला डम्बल।
किन मांसपेशियों पर होता है असर

प्राइमरी : छाती
सेकेंडरी : पीठ, कंधों और ट्राइसेप्स
कौन कर सकता है यह व्यायाम

इंटरमीडिएट (प्रशिक्षु)

सेट और रैप

10-15 रैप के 3 सेट

व्यायाम करने की तकनीक

एक सपाट बेंच पर लेट जाएं, कंधों को बेंच से सटाकर ही रखें। अपने सिर को बेंच के किनारे से थोड़ा ऊपर की ओर रखें।
घुटनों को 90 डिग्री पर मोड़कर पैरों को फर्श पर रखें। जांघों और छाती के अनुरूप शरीर का उपरी हिस्सा एक सीध में होना चाहिए।
पीछे की ओर हाथों को ले जाते हुए डंबल को हाथों में सही ढंग से पकड़ें और फिर ऊपर की ओर छाती की सीध में लेकर आएं।
पूरे अभ्यास के दौरान धड़, कंधे और पैरों को अपनी जगह पर ही स्थिर रखें।
जब डंबल छाती की सीध में आ जाएं, तो कुछ सेकेंड के लिए रुकें। फिर धीरे-धीरे डंबल को नीचे पूर्ववत स्थिति में लाकर रखें।
टिप्स : इस व्यायाम के दौरान पीठ की मांसपेशियों में अधिक तनाव पैदा करने के​ लिए पूरे व्यायाम के दौरान हाथों को सीधा रखने के बजाय, उन्हें कोहनी से थोड़ा मोड़कर रखें। इस व्यायाम को बेंच पर सीधी अवस्था में लेटकर करें। इस अवस्था में यह सुनिश्चित करें कि पीठ का निचला हिस्सा बेंच की सतह से उठे नहीं, इससे कोर मांसपेशियों में तनाव आता है और उन्हें मजबूती मिलती है।

डंबल पुल-ओवर व्यायाम के लाभ –
डंबल पुलओवर व्यायाम शरीर के ऊपरी हिस्सों के विकास और मजबूती के लिए काफी फायदेमंद व्यायाम है। इस व्यायाम को शरीर के ऊपरी हिस्सों के स्क्वाट्स के रूप से भी जाना जाता है। डंबल पुलओवर व्यायाम करने से आपको निम्न लाभ प्राप्त हो सकते हैं।

चेस्ट फ्लाई अभ्यास की तुलना में इस व्यायाम में आप भारी वजन उठा सकते हैं।
छाती के आकार को बढ़ाने में यह काफी फायदेमंद है।
पीठ की मांसपेशियों को विकसित करने के साथ पीठ के ऊपरी हिस्से को सुडौल बनाता है।
कंधों के लिए भी यह काफी फायदेमंद व्यायाम है।

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