जानिए गर्मियों में चावल खाने के फायदे

भारत में अधिकतर घरों में चावल को मुख्य आहार में शामिल किया जाता है। अपने देश में रोटी व सब्जियों की तरह चावल खाने के शौकीन लोगों की कमी नहीं है। भारत में चावल की अधिक पैदावार होने के चलते कई प्रांतों में चावल को एक समय अवश्य ही बनाया जाता है। सभी खाद्य पदार्थों की तरह ही चावल के भी कुछ फायदे और नुकसान होते हैं। कुछ लोग इसके फायदों के बारे में चर्चा करते हैं तो कुछ इसके नुकसान को बताते हैं।

सफेद चावल जोड़ने वाले तत्व (binding Agent) की तरह कार्य करता है, जिसकी वजह से आपका मल सख्त हो जाता है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा बेहद कम होती है, इसलिए यह पचाने में बेहद ही आसान होते हैं। इसके साथ ही इनमें कार्बोहाइड्रेट की अधिकता आपको ऊर्जा प्रदान करने का कार्य करती है। सफेद चावल में आयरन और अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो दस्त में आराम पहुंचाने में मदद करते हैं।

बॉडी बनाने वाले लोगों के लिए सफेद चावल कार्बोहाइड्रेट प्राप्त करने का आसान और बेहतर स्रोत माना जाता है। बॉडी बनाने वाले सामान्यतः एक दिन में पांच से छह बार थोड़ा थोड़ा खाना खाते हैं। ऐसे में सफेद चावल उनके शरीर को कोर्बोहाइड्रेट प्रदान करने का कार्य करता है।

इसके साथ ही आप वर्क आउट करने से पहले और बाद में भी सफेद चावल का सेवन कर सकते हैं। वर्कआउट से पहले चावल खाने से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट आपको ऊर्जा प्रदान करने का कार्य करते हैं। जबकि वर्क आउट के बाद सफेद चावल खाने से इसके आसानी पचने वाले कार्बोहाइड्रेट आपकी मांसपेशियों को दोबारा ठीक करने और उनमें एमिनो एसिड के स्राव को बढ़ा देते हैं।

चावल में पर्याप्त मात्रा में रेसिसटेंट स्टार्च होता है जो आपके पेट को प्रभावित करता है। प्रेग्नेंसी में मल त्याग करने की प्रक्रिया को आसान और सामान्य करने के लिए रेसिसटेंट स्टार्च पेट में फायदेमंद बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। इससे महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाली कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कब्ज और बवासीर से बचने में मदद मिलती है।

पाचन संबंधी समस्या होने पर डॉक्टर आपको कम फाइबर वाले आहार खाने की सलाह देते हैं। कम फाइबर वाले आहार से आपके पाचन तंत्र को आराम मिलता है और अतिरक्ति दबाव नहीं पड़ता है। इस तरह के आहार कुछ समय तक खाने की सलाह दी जाती है और कम फाइबर वाले आहार से क्रोहन रोग, आंतों में सूजन, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज और अन्य पाचन संबंधी विकारों के कारण होने वाले लक्षणों को कम करने में भी मदद मिलती है।

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