जानिए पृथ्वी के हर भाग की जानकारी हमे कैसे मिलती है।

आज से हजारों वर्ष पूर्व मनुष्य के लिए पृथ्वी का हर एक भाग देख पाना बहुत मुश्किल होता था और यह जान पाना की नदियां कहां से शुरू होकर किस समुद्र में गिर रही हैं, पठार कहां-कहां है, पर्वत श्रृंखलाएं कहां तक फैली हुई है, फिर धीरे-धीरे नक्शा बनाने की कला विकसित हुई जिसमें बेबीलोनियन और ग्रीक के लोगों ने काफी योगदान दिया और फिर बाद में पृथ्वी का हर एक भाग का अच्छी तरह से परीक्षण करने के लिए ग्लोब विकसित किया गया जो पृथ्वी का तीन आयामी कृतिम नमूना होता है।

सबसे पहला ग्लोब जर्मनी के मार्टिन बेहैम ने 1492 में बनाया था फिर समय के साथ-साथ यह और भी कई ज्यादा विकसित किया गया । असल में एक ग्लोब पृथ्वी का ही तीन आयामी नमूना होता है जो नदियों, देशों महासागरों और हर तरह के भूखंडों की जानकारी एवं रूपरेखा से हमें अवगत कराता है। ग्लोब के सबसे ऊपरी बिंदु को उत्तरी ध्रुव तथा निचले बिंदु को दक्षिणी ध्रुव कहते हैं, उत्तरी ध्रुव से लेकर दक्षिण तक 360 समान रेखाएं होती हैं इन्हें हम देशांतर (लोंगिट्यूड) कहते हैं वास्तव में यह असली नहीं होती परंतु काल्पनिक होती हैं मतलब समझाने हेतू सिर्फ ग्लोब पर बनाई होती हैं ग्लोब के बिल्कुल बीचो-बीच भूमध्य रेखा खींची होती है जो पृथ्वी को दो भागों में बांटती हैं उत्तरी तथा दक्षिणी गोलार्ध, भूमध्य रेखा के समांतर कुछ रेखाएं होती हैं जो इसके ऊपर तथा नीचे 90-90 होती हैं और उत्तरी एव दक्षिणी ध्रुवो तक गोलाकार वृत्त में जाती हैं, इन्हें हम अक्षांश रेखाएं कहते है, कुल मिलाकर 181 अक्षांश रेखाएं होती हैं

हर अक्षांशों के बीच में एक समान दूरी होती हैं जो 111 किलोमीटर होती है एवमं एक अक्षांश से दूसरे अक्षांश की दूरी को एक ज़ोन कहते हैं बल्कि दो देशान्तरों के बीच की दूरी को गोरे कहते हैं, और जो 111.22 किलोमीटर होती हैं। दो देशांतरो की दूरी एक समान नहीं होत,यह दूरी भूमध्य रेखा पर एक जैसी ही है परंतु ध्रुवो की ओर यह दूरी कम होती चली जाती है और हर एक देशांतर ध्रुवो पर जाकर मिल जाते हैं। भूमध्य रेखा की तरह प्रदान मध्यान रेखा जो ग्रीनविच मीन लैबोरेट्री, लंदन से गुजरती है पृथ्वी को दो भागों में बांटती है इसके पूर्व की ओर पूर्वी गोलार्ध तथा पश्चिम की ओर पश्चिमी गोलार्ध होता है इस तरह हम पृथ्वी के चप्पे-चप्पे की स्थिति घर बैठे देख पाते हैं कि किस अक्षांश और देशांतर पर कौन सा क्षेत्र पड़ता है।

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