जाने कैसे पता लगता है बाइसेक्शुअल का
बाइसेक्शुअलिटी एक व्यक्ति में तब पाई जाती है, जब उसे एक से ज्यादा लिंग के व्यक्तियों में रुचि होती है। उदाहरण के तौर पर अगर एक पुरुष है तो जरूरी नहीं कि उसे सिर्फ महिला में ही इंटरेस्ट हो। ऐसा भी हो सकता है कि उसे महिला और पुरुष दोनों में इंटरेस्ट हो। इसलिए बाइसेक्शुअल लोगों को शारीरिक, लैंगिक और भावनात्मक तौर पर महिला और पुरुष दोनों से आकर्षण होता है। कुछ अन्य मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि व्यक्ति का आकर्षण दोनों लिंग के व्यक्ति के लिए हो सकता है, लेकिन वह सेक्स सिर्फ एक के साथ करना पसंद करता है, लेकिन इससे इतर ऐसा भी होता है कि वे अपने आकर्षण, रूचि और लगाव के आधार पर समान या विपरीत लिंग के व्यक्ति के साथ जुड़ सकते हैं।
बाइसेक्शुअल कौन होते हैं?
कौन व्यक्ति बाइसेक्शुअल है, ये जातीय, सामाजिक-आर्थिक समूहों और उम्र पर निर्भर नहीं करता है। बाइसेक्शुअल लोग भी हमारी आपकी तरह सामान्य जीवन जीते हैं, बस उनकी सेक्स रूचि हमारी रूचि से थोड़ी अलग रहती है।
हालांकि बाइसेक्शुअल लोगों की संख्या कम है, लेकिन एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि लगभग 50 फीसदी लोग बाइसेक्शुअल होते हैं। बस वो खुद को समाज के सामने जाहिर करने से डरते हैं। आपको बता दें कि बाइसेक्शुअलिटी के लिए कोई उम्र नहीं कुछ लोगों को ये बात किशोरावस्था में पता चल जाती है, तो कुछ लोगों को वयस्क होने पर।
एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति भी बाइसेक्शुअल हो सकता है। क्योंकि सेक्शुअल ओरिएंटेशन ही व्यक्ति की कामुक इच्छा या रोमांटिक अट्रैक्शन और जेंडर आईडेंटिटी व्यक्ति की रूचि को बताता है। जिससे एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति भी गे, लेसबियन, स्ट्रेट या अन्य सेक्सुअल ओरिएंटेशन के साथ यौन संबंध स्थापित करने में रूचि रख सकता है।