जानिए होलाष्टक से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में

वही ज्योतिष के मुताबिक इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता हैं इसके अलावा जिस जातक का चंद्रमा पीड़ित अवस्था में हो, नीचस्थ या त्रिक भाव में हो, ऐसे लोगों को विशेष सावधानी होलाष्टक में बरतनी चाहिए। तो आज हम आपको होलाष्टक से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

वही ज्योतिष के मुताबिक होलाष्टक के दिनों में शुभ कार्य प्रतिबंधित माने गए हैं ऐसा भी माना जाता हैं कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान शिव की तपस्या भंग करने का प्रयास करने पर शिव जी ने कामदेव को भस्म कर दिया था। कामदेव क्योंकि प्रेम के देवता माने जाते हैं जिससे तीनों लोक में शोक सा छा गया।

उनकी पत्नी रति ने तब भगवान शिव से क्षमा मांगी। जिसके बाद शिव ने कामदेव को पुर्नजीवित करने का आश्वासन दिया था। वही ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक फाल्गुन पूर्णिमा से पहले अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रियोदशी को बुद्ध, चर्तुदशी को मंगल और पूर्णिमा होलिका दहन के समय को राहु केतु का ग्रह प्रभाव होता हैं।

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