रसोई में मौजूद इस छोटी सी चीज से बढ़ाएं शरीर की इम्युनिटी, जानिये
हमारे रसोई मे ही ऐसी कितनी ही चीज़े उपलब्ध होती है जिससे स्वास्थ विकार और उससे संबधित समस्याये छू मंतर हो सकती है। लेकिन ज़रूरी है तो सिर्फ उसके बारे मे सही जानकारी की। प्राचीन काल मे जब चिकित्सा का इतना विकास नही हुआ था और रासायनिक दवाओं का प्रचलन भी नही था तब आयुर्वेद ही एक मात्र सहारा था। जड़ी बूटी मसालों के सही उपयोग से बीमारियो का निदान किया जाता था। लेकिन आज के युग मे आयुर्वेद ने इतनी तरक्की कर ली है की बड़ी से बड़ी बीमारी का भी आयुर्वेद मे उपचार संभव हो गया है।
असल मे आज का आयुर्वेद कल के घरेलू नुस्खों का ही योगदान है। आज भी हम छोटी मोटी बीमारी के लिए डॉक्टर के पास नही जाते, कारण कुछ ऐसे आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे है जिनका उपयोग करके बिना किसी साइड इफ़ेक्ट्स के इसका उपचार कर सकते है। हमारे रसोई मे कुछ ऐसे मसाले है जिनसे बड़े ही स्वास्थ लाभ होते है। इनमे से एक है दाल चीनी।
दाल चीनी का इस्तेमाल वैसे तो बहुत सारी बीमारियो मे किया जाता है। कोलेस्ट्रॉल, थाईराइट्स और बहरेपन जैसी समस्यायों मे भी दालचीनी का उपयोग होता है। इसमे भरपूर मात्रा मे प्रोटीन, फास्फोरस, थाइमिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम और विटामिन होते है। दालचीनी का इस्तेमाल इन दिनों इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए बड़े जोर शोर से किया जा रहा है। तमाम आयुर्वेदिक औषधियों मे इसका इस्तेमाल हो रहा है। इसका इस्तेमाल करके खतरनाक बीमारियो से बचा जा सकता है।
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दालचीनी के छाल पत्ती और जड़ का भी इस्तेमाल कर सकते है। दालचीनी के पत्तियो का 2-3 बूंद तेल का सेवन करने से पाचनतंत्र मज़बूत होकर शरीर के रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। स्वामी रामदेव के अनुसार, दालचीनी के छाल का सेवन काढ़े के रूप मे भी किया जा सकता है। छाल का काढ़ा बनाने के लिए इसके साथ पिपली, हल्दी, तुलसी, गिलोय व अदरक को डाले और इसका काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें, हफ्ते भर मे आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिलेगा। चुकी दालचीनी की तासीर गर्म होती है इसीलिये इसका सेवन संतुलित मात्रा मे करना चाहिये। संतुलित व सही तरीके से सेवन करने से यह एक रामबाण की तरह काम करता है।