जूस बेचने वाला शख्स कैसे बना संगीत सम्राट, जानिए गुलशन कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें
आज हम बात कर रहे हैं भारतीय संगीत उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले संगीत सम्राट गुलशन कुमार की। अपने पिता के साथ एक छोटी सी दुकान पर फ्रूट जूस बेचने वाला गुलशन कुमार कैसे एक सफल संगीतकार बना ? आप सभी जानते हैं कि गुलशन कुमार पंचतत्व में विलीन हो चुके हैं और आज हमारे बीच मौजूद नहीं है लेकिन उनको भुला पाना नामुमकिन है वह आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। आईये आपको गुलशन कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताते हैं।
गुलशन कुमार का जन्म 5 मई, 1951 को दिल्ली में एक पंजाबी हिंदू परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम गुलशन कुमार दुआ था। शुरूआती समय में वह अपने पिता के साथ दिल्ली की दरियागंज मार्केट में फ्रूट जूस बेचा करते थे। लेकिन वह इस काम से खुश नहीं थे और उनको कुछ बड़ा करना था। जब वे 23 साल के हुए तब उन्होंने एक दुकान खोली और रिकार्ड्स और ऑडियो कैसेट बेचना शुरू कर दिया। यहीं से गुलशन कुमार के करियर की शुरुआत हुई थी।
कुछ समय बाद गुलशन कुमार ने नोएडा में खुद की म्यूजिक प्रोडेक्शन कंपनी खोली जिसका नाम सुपर कैसट इंडस्ट्रीज रखा और इसमें वह ऑडियो कैसट्स बनाकर लोगों को कम दाम में बेचने लगे। धीरे धीरे उनका कारोबार बढ़ने लगा और उनकी कैसेट्स की बहुत बिक्री होने लगी जिससे उनको अच्छा मुनाफा मिलने लगा। उस दौर में हिंदी फिल्म जगत भी खूब फल-फूल रहा था और गुलशन कुमार नोएडा से मुंबई चले आए और बॉलीवुड की फिल्मों में संगीत देना शुरू कर दिया।
पूजा-पाठ में बहुत रुचि रखते थे गुलशन कुमार :
गुलशन कुमार बहुत ही धार्मिक व्यक्ति थे और देवी देवताओं में उनका बहुत विश्वास था। फिल्म संगीत के अलावा गुलशन कुमार ने भक्ति संगीत में भी अपनी पकड़ बना ली थी उन्होंने बहुत से भजनों और हिंदू पौराणिक कथाओं से संबंधित फिल्मों और धारावाहिकों का भी प्रोडक्शन किया। आज भी आप मंदिरों में उनके बहुत से मशहूर भजन और आरती सुनते होंगे।
फिल्म निर्माण में गुलशन कुमार ने 1989 में आई फिल्म ‘लाल दुपट्टा मलमल का’ से कदम रखा। इस फिल्म का संगीत बहुत लोकप्रिय हुआ। इसके अगले साल ही 1990 में ‘आशिकी’ फिल्म रिलीज हुई जिसके गानों ने सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए और सभी गाने बहुत ही ज्यादा मशहूर हुए। आज भी बहुत सी जगह ‘आशिकी’ फिल्म के गाने सुनने को मिल जाते हैं। सन 1991 में गुलशन कुमार द्वारा बनाई गई फिल्म ‘दिल हैं कि मानता नहीं’ आई जिसमें आमिर खान और पूजा भट्ट ने काम किया था। यह फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई लेकिन इसके गाने जरूर सुपरहिट हुए।
गुलशन कुमार से जुड़ी कुछ खास बातें :
- गुलशन कुमार जमीन से जुड़े आदमी थे और अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा समाज सेवा में लगाते थे। वे वैष्णो देवी के भक्त थे और उन्होंने वैष्णो देवी में एक भंडारे की स्थापना की जो आज भी तीर्थयात्रियों के लिए भोजन उपलब्ध कराता है।
- गुलशन कुमार साल 1992-93 में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले अमीरों की सूची में शामिल थे। गुलशन कुमार की बेटी तुलसी कुमार भी एक जानी-मानी सिंगर हैं।
- सुपर कैसट इंडस्ट्रीज के तहत ही गुलशन कुमार ने T-Series म्यूजिक की शुरुआत की थी जो कि भारत में म्यूजिक और विडियो का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह भारतीय संगीत उद्योग के लगभग 60 प्रतिशत से अधिक हिस्से में फैला हुआ है। इसके अलावा T-Series दुनियाभर के 24 देशों में म्यूजिक एल्बम का एक्सपोर्ट करता है। T-Series यूट्यूब पर भारत और दुनिया का सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर्स वाला चैनल हैं।
- उन्होंने अपने छोटे भाई किशन कुमार को भी फिल्मों में उतारा और ‘बेवफा सनम’ के जरिए उनको पहचान दिलाई। इस फिल्म के गानों से ही सोनू निगम मशहूर हुए थे। बता दें कि सिंगर कुमार सानू को पहचान दिलाने का श्रेय भी गुलशन कुमार को ही जाता हैं।
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