ये है 9 जानवर ! जिन्हें अब तक “अंतरिक्ष” में जाने का है मिला सौभाग्य
- कुत्ते :
यह सभी जानते हैं की, अंतरिक्ष में पहला जीव ‘लाइका’ नामक एक ‘कुतिया’ को भेजा गया था। जो अंतरिक्ष में 5 से 7 घंटे जीवित रही थी। 1960 में ‘बेलका’ और ‘स्ट्रेल्का’ नामक दो अन्य कुतिया को अंतरिक्ष में रूस ने भेजा था। और यह खुशी की बात है कि, यह कुत्ते अंतरिक्ष से वापस आने वाले पहले प्राणी बने थे। वापस आने की 1 साल बाद ‘स्ट्रेल्का’ नामक कुतिया ने पिल्लों को जन्म भी दिया था।
- मकड़ी :
2011 में, ग्लेडिस और एस्मेरेल्डा नामक दो गोल्डन ऑर्ब मकड़ियों को, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रखा गया था। जहां वे जाले लगाते थे और माइक्रोग्रैविटी में शिकार भी करते थे।
- पानी के भालू या Tardigrade :
चित्र में दिख रहा जीव देखकर आपको लगा होगा कि, किसी ‘भालू’ ने ‘ओवरकोट’ पहन रखा है। परंतु, आपको आश्चर्य होगा कि, यह वास्तविक जीव की ही फोटो है। दरअसल, यह एक ‘सूक्ष्मदर्शी जीव’ होता है। जिसकी लंबाई 0.5 मिलीमीटर होती है। इसके 4 जोड़ी पैर होते हैं। और यह पौधों की कोशिकाओं शैवाल और छोटे अकशेरुकी जीवो को खाते हैं। इन्हें ‘माइक्रोस्कोप’ से ही देखा जा सकता है। 2007 में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के मिशन फोटोन- M3 में, इसके लगभग 3000 प्राणियों को अंतरिक्ष में भेजा गया था। इनकी खासियत यह है कि, परिस्थितियां जीवन के प्रतिकूल होने पर, यह अपने ‘जैविक कार्य’ लगभग पूरी तरह बंद कर देता है। और बिना खाए-पिए, वर्षों तक जीवित रह सकता है।
- नेमाटोड :
इनको अपोलो 16 मिशन में चंद्रमा पर भेजा गया था। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि, मनुष्य के अलावा चंद्रमा तक जाने वाले प्राणी- ‘निमेटोड’ या ‘राउंडवार्म’ है।
- मेंढक और उभयचर :
मेडक एक उभयचर प्राणी है जो पानी तथा जमीन दोनों स्थान पर समान रूप से रह सकता है। 1985 में रूस ने पहली बार इसको अंतरिक्ष में कई बार भेजा था।
- बंदर :
‘अल्बर्ट द्वितीय’ नामक बंदर पहली बार अंतरिक्ष में भेजा गया था। उसके अतिरिक्त रूस अर्जेंटीना फ्रांस सहित अन्य देशों ने भी अंतरिक्ष यात्रा के लिए बंदरों का चयन किया है।
- चिंपांजी :
1961 में अमेरिका ने हेम नामक चिंपांजी को सबसे पहले अंतरिक्ष में भेजा था। वहां से वह वापस भी आया। बाद में मुझसे चिड़ियाघर में भेज दिया गया। 26 वर्ष की आयु तक जीवित रहा।
- मछली :
2012 में जापानी HTV-3अंतरिक्ष यान के साथ मछली से भरा एक मछली घर भी अंतरिक्ष में भेजा गया था। जिसे ‘मेडिका’ कहा जाता था। भेजी गई मछलियां पारदर्शी त्वचा की थी। जिससे उनके अंगों का निरीक्षण करने और कार्यप्रणाली को समझने में आसानी होती थी।
- चूहे :
चूहे को अंतरिक्ष में कई बार भेजा गया। इनके साथ गर्भवती क्यों को भी उनके व्यवहार के परीक्षण हेतु भेजा गया था।